- सात डॉक्टरों को आजीवन उपलब्धि पुरस्कार मिले
नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली का 50वां वार्षिक दीक्षांत समारोह 25 अक्टूबर को हुआ। इसमें 326 स्नातकों को डिग्री प्रदान की गई। सात डॉक्टरों को आजीवन उपलब्धि पुरस्कार मिले। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
दीक्षांत समारोह के दौरान, 326 स्नातकों को उपाधियां प्रदान की गईं, जिनमें 50 पीएचडी स्कॉलर, 95 डीएम/एमसीएच विशेषज्ञ, 69 एमडी, 15 एमएस, 4 एमडीएस, 45 एमएससी, 30 एमएससी (नर्सिंग) और 18 एम.बायोटेक स्नातक शामिल थे। इसके अतिरिक्त, एम्स में उनके अनुकरणीय योगदान और समर्पित सेवा के लिए सात डॉक्टरों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर श्री नड्डा ने कहा “चिकित्सा विज्ञान, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में, राजधानी दिल्ली स्थित एम्स ने न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर अपना स्थान बनाया है।” उन्होंने चिकित्सा शिक्षा, अत्याधुनिक शोध और रोगी देखभाल में उत्कृष्टता के प्रति संस्थान की निरंतर प्रतिबद्धता की सराहना की।
श्री नड्डा ने पिछले दशक में भारत के स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछली सदी के अंत में जहां देश में केवल एक एम्स था, वहीं आज पूरे भारत में 23 एम्स संस्थान हैं। यह प्रत्येक क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा प्रशिक्षण के विस्तार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 819 हो गई है। इसी प्रकार, स्नातक मेडिकल सीटें 51,000 से बढ़कर 1,29,000 और स्नातकोत्तर सीटें 31,000 से बढ़कर 78,000 हो गई हैं। अगले पांच वर्षों में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर 75,000 अतिरिक्त सीटें जुड़ने की उम्मीद है।
इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य प्रो. वी.के. पॉल ने कहा, “जिस समुदाय ने हमें पोषित किया है, उसे कुछ वापस देना हमारी एक गहन सामाजिक ज़िम्मेदारी है। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, उत्कृष्टता को अपना दैनिक अभ्यास और नवाचार को अपना मार्गदर्शक सिद्धांत बनाएं।”
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