पिठोरिया। राजधानी रांची जिले के कांके प्रखंड का पिठोरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों बदहाली का शिकार है। यहां न डॉक्टर तैनात हैं और न ही दवाएं उपलब्ध। इलाज की उम्मीद लेकर आने वाले गरीब व असहाय मरीज मजबूरन निराश होकर लौट रहे हैं।
परिसर में लगे चापाकल से निकलने वाला पानी भी पीने योग्य नहीं है। गंदगी और बदबू के कारण मरीज व उनके परिजन दूषित पानी पीने पर विवश हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य केंद्र की जमीनी हकीकत को उजागर करती है।
ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा, “जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही दम तोड़ रहा है, तो गांव के गरीब लोग इलाज के लिए कहां जाएंगे?” वहीं एक अन्य महिला मरीज की परिजन ने कहा, “दवा खरीदने के पैसे नहीं हैं, डॉक्टर भी नहीं हैं, आखिर हम जाएं तो कहां जाएं?”
समाजसेवी सरफराज अंसारी ने चिंता जताते हुए कहा, “अगर स्वास्थ्य केंद्र में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। सरकार सिर्फ कागज पर योजनाएं चला रही है, जमीनी हकीकत बिलकुल अलग है।”
गत दिनों कांके विधायक ने भी निरीक्षण के दौरान आश्वासन दिया था कि चापाकल की समस्या को दूर किया जायेगा, लेकिन स्थिति यथावत है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल डॉक्टर, दवा और साफ पेयजल की व्यवस्था करने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह स्वास्थ्य केंद्र नाम मात्र का भवन बनकर रह जाएगा।
यह जानकारी भाकपा माले की टीम द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिठोरिया का निरीक्षण कर दिया गया। टीम में सरफराज अंसारी, रेहान अंसारी, विक्की सहित अन्य शामिल थे।
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