परिवहन विभाग 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के वाहन चलाने पर लगाए रोक

झारखंड
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  • राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ने पदाधिकारियों संग की बैठक

विश्वजीत कुमार रंजन

गढ़वा। झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य उज्ज्वल प्रकाश तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय सभागार में जिला स्तर पर बाल संरक्षण को लेकर बैठक की। बैठक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में बाल अधिकारों के संरक्षण एवं सुरक्षा से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि बाल अधिकारों की रक्षा के लिए सभी विभागों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने शिक्षा विभाग से कहा कि जिले में संचालित बिना रजिस्टर्ड स्कूलों का शीघ्र रजिस्ट्रेशन कराया जाए। ड्रॉपआउट बच्चों को चिन्हित कर पुनः शिक्षा से जोड़ा जाए। साथ ही बच्चों के माता-पिता को मनरेगा योजना से जोड़ने पर बल दिया।

आयोग सदस्य ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को श्रम, आपूर्ति, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए नियमित छापामारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी प्रखंडों एवं नगर क्षेत्रों में बच्चों से संबंधित शिकायत के लिए सुझाव पेटी लगाने का भी निर्देश दिया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी सभी विद्यालयों में सुझाव पेटी स्थापित करने का आदेश दिया। बैठक में बाल अधिकार, शिक्षा का अधिकार, बाल पलायन, बाल श्रम, मादक पदार्थों का सेवन और थानों को बाल-मैत्रीपूर्ण बनाने जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।

श्री तिवारी ने कहा कि आज कल 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी बाइक से स्कूल आते-जाते हैं। इससे दुर्घटना की आशंका बढ़ती है। इस पर रोक लगाने के लिए उन्होंने जिला परिवहन पदाधिकारी को सभी स्कूलों के बाहर नियमित जांच अभियान चलाने एवं नियम तोड़ने पर चालान काटने का निर्देश दिया। साथ ही निजी स्कूलों के ड्राइवर एवं खलासी का कैरेक्टर सर्टिफिकेट अपडेट रखने और उन्हें फुल यूनिफॉर्म में सुनिश्चित करने की बात कही।

आयोग सदस्य ने कहा कि अक्सर बस संचालक बच्चों को चलते-चलते बस से उतार देते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका रहती है। उन्होंने नगर निगम, ट्रैफिक विभाग, सीडब्ल्यूसी और अन्य विभागों को मिलकर बच्चों के लिए अलग से डेडिकेटेड छः बस स्टॉपेज विकसित करने का निर्देश दिया।

श्री तिवारी ने सिविल सर्जन से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ब्लड डोनर से मुक्त रखने और सभी बच्चों को मुफ्त में ब्लड उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करने की बात कही।

श्री तिवारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को बच्चों में मोबाइल की बढ़ती लत पर चिंता जताया। सभी निजी एवं सरकारी विद्यालयों में अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने का निर्देश दिया, ताकि बच्चे अपने भविष्य के प्रति सचेत एवं अनुशासित बन सकें।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक यशोधरा, सिविल सर्जन डॉ. जॉन एफ. कैनेडी, जिला शिक्षा पदाधिकारी कैसर रजा, खेल पदाधिकारी दिलीप कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी समेत विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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