खेल के माध्‍यम से प्रतिभाओं को अवसर दिया टाटा स्टील फाउंडेशन ने

झारखंड खेल
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  • 129 केंद्रों के माध्यम से 44,000 से अधिक युवाओं को जोड़ा गया
  • भविष्य के ओलंपियन और समुदाय के लीडर्स को कर रहा तैयार

जमशेदपुर। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) अपने जमीनी स्तर और युवा विकास कार्यक्रमों के अंतर्गत तैयार किए गए युवा खिलाड़ियों की प्रेरणादायक यात्राओं का जश्न मनाया। खेल के माध्यम से जीवन में बदलाव लाने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया।

फाउंडेशन ने वर्षों से खेल को सशक्तिकरण का एक प्रभावशाली माध्यम मानते हुए इसे सामाजिक परिवर्तन के केंद्र में रखा है। झारखंड, ओडिशा और अन्य क्षेत्रों में फैले 129 जमीनी और युवा विकास केंद्रों के ज़रिए अब तक 44,000 से अधिक बच्चों और युवाओं को सक्रिय रूप से जोड़ा गया है।

ये केंद्र न केवल पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, बल्कि समग्र विकास, आत्मविश्वास और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तक पहुंच का अवसर भी देते हैं। फुटबॉल, हॉकी, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, कबड्डी और भारोत्तोलन जैसे विविध खेलों के माध्यम से युवा प्रतिभाओं को निखारने का यह प्रयास लगातार जारी है।

प्रेरणादायक कहानियों में से एक है साइमन बोदरा की, जिन्होंने झारखंड के बंदगांव में बांस की छड़ी से हॉकी खेलना शुरू किया। टाटा स्टील फाउंडेशन के मार्गदर्शन और प्रशिक्षण के साथ, साइमन ने नवल टाटा हॉकी अकादमी में प्रवेश पाया। राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का प्रतिनिधित्व किया। 

जमशेदपुर की तीरंदाज़ प्रिया महाली ने सिर्फ आठ वर्ष की उम्र में टाटा स्टील फाउंडेशन के आईएसडब्‍ल्‍यूपी केंद्र से अपने प्रशिक्षण की शुरुआत की। साधारण परिवेश से निकलकर प्रिया ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई और 2025 में यू-19 एनटीपीसी जूनियर नेशनल्स में स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रीय चैंपियन बनीं। अब वह ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सपना देख रही हैं।

ऐसी ही प्रेरक कहानी है दीपक कुमार पांडेय की, जिनका टाटा स्टील फाउंडेशन से जुड़ाव 2006 में हुआ था। वेटलिफ्टिंग और कबड्डी प्रतियोगिताओं से लेकर अर्धसैनिक बलों में करियर बनाने तक और अब एक शिक्षक व मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हुए, दीपक की कहानी इस बात का सशक्त उदाहरण है कि खेल न सिर्फ व्यक्तित्व निर्माण करते हैं, बल्कि जीवन भर विकास और आत्मनिर्भरता की राह भी दिखाते हैं।

फाउंडेशन ने सरायकेला के 14 वर्षीय तीरंदाज़ राहुल कर्मकार की उल्लेखनीय उपलब्धियों को भी गर्व के साथ साझा किया। एक समर कैंप के दौरान टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा खोजे गए राहुल ने बेहद कम समय में असाधारण प्रगति की। उन्होंने 2024 के एसजीएफआई स्कूल नेशनल्स में स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। आज राहुल न सिर्फ खेल में, बल्कि पढ़ाई में भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।

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