
- गोस्सनर कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग के यूट्यूब चैनल पर होगा प्रसारित
रांची। सादरी भाषा में बनाई गई डॉक्यूमेंट्री सीरीज ‘माटी कर औषधि’ रिलीज़ की गई। गोस्सनर कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग के विद्यार्थियों ने इसका निर्माण किया है। यह डॉक्यूमेंट्री झारखंड के औषधियों और प्राकृतिक उपचार पर बनाई गई है। प्रो इंचार्ज प्रो इलानी पूर्ति, बर्सर प्रो प्रवीण सुरीन, कोर्स-कोऑर्डिनेट प्रो आशा रानी केरकेट्टा, प्रो महिमा गोल्डेन बिलुंग सहित विभाग के शिक्षकों संतोष कुमार, तेज मुंडु, मीना झा ने इसे रिलीज़ किया।
इस अवसर पर प्रो इंचार्ज प्रो इलानी पूर्ति ने कहा कि झारखंड में बहुत सारे प्राकृतिक औषधियां उपलब्ध हैं, जो बड़ी से बड़ी बीमारियों को जड़ से उखाड़ने के लिए कारगर है। जानकारी के अभाव में लोग इनका उपयोग नहीं कर पाते हैं और बीमारियों में फंस जाते है। समय के साथ पैसों की बर्बादी भी होती है। विद्यार्थियों ने यहां के प्राकृतिक औषधियों पर वीडियो बनाकर लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहतर कदम उठाया है। यह केवल वीडियो नहीं एक स्वास्थ्य जागरुकता भी है।
इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज की निर्देशक प्रो महिमा गोल्डेन बिलुंग ने कहा कि सादरी भाषा में प्रस्तुत इस कार्यक्रम में 10 एपिसोड है। सेमेस्टर 4 के विद्यार्थियों ने ही सारा प्रोडक्शन का काम किया है। हर बुधवार 5 बजे यह कार्यक्रम गोस्सनर कॉलेज मास कम्युनिकेशन विभाग के यूट्यूब चैनल में प्रसारित किया जाएगा।
इसमें सहायक निर्देशक के रूप में अनल टोप्पो, एंकर के रूप में रोहित उरांव, सिनेमेटोग्राफर और संपादक के रूप में रोशन उरांव एवं प्रोडक्शन मैनेजर के रूप में आकाश खेस शामिल है।
सहायक निर्देशक अनल टोप्पो ने कहा कि झारखंड के भिन्न भिन्न क्षेत्रों में माटी कर औषधि की शूटिंग की जा रही है। इसे तैयार करने में किताबों, विशेषज्ञों, शोधार्थियों, परिवार के सदस्यों की सहायता ली गई है। शूटिंग के दौरान झारखंड की कई अनछुए पहलुओं की जानकारी भी मिली है।
इन 10 एपिसोड में बैंग साग, चकोड साग, आम, जामुन, रुगड़ा सहित दूसरे प्राकृतिक औषधियां शामिल है। इस अवसर पर सुनीला सोरेंग, अनूप, साक्षी, कशफ सहित अन्य उपस्थित थे।
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