आदिवासी विरासत, शिल्पकला और धरोहर का जश्न की शुरुआत कल से

झारखंड
Spread the love

  • कदमा के प्रकृति विहार में जोहार हाट का आयोजन

जमशेदपुर। जोहार हाट आदिवासी संस्कृति, इतिहास और शिल्पकला का जश्न है। यह अपनी नवीनतम कड़ी के साथ 14 से 20 अगस्त तक प्रकृति विहार, कदमा में आयोजित हो रहा है। यह रंगारंग आयोजन परंपराओं, व्यंजनों और कला का अनोखा संगम पेश करेगा।

इस बार इसमें झारखंड, असम और ओडिशा की कुल छह जनजातियां, खरवार, बोडो, उरांव, हो, मुंडा और संथाल, शामिल होंगी। कुल 21 प्रतिभागी अपनी विशिष्ट शिल्पकृतियां, पारंपरिक भोजन और पारंपरिक उपचार पद्धतियां प्रदर्शित करेंगे।

झारखंड की धरती वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को संजोए हुए है, जिन्होंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद और सामाजिक अन्याय के खिलाफ साहसपूर्वक संघर्ष किया। ‘जोहार हाट’ का यह संस्करण इन महानायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

इनमें ये शामिल हैं

बिरसा मुंडा : ‘उलगुलान’ आंदोलन के नायक, जो आदिवासी गर्व और प्रतिरोध के प्रतीक हैं।

सिद्धो और कान्हू मुर्मू : संथाल विद्रोह के प्रमुख नेता, जो भारत के प्रारंभिक आदिवासी आंदोलनों में से एक था।

शहीद जिरपा सिंह लाया : जबरन नील की खेती के खिलाफ भूमिज विद्रोह का नेतृत्व करने वाले साहसी योद्धा, जिन्होंने अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठाई।

पोटो हो : एक क्रांतिकारी जिन्होंने 1836–1837 में दक्षिण कोल्हान क्षेत्र में ब्रिटिश सेना से युद्ध किया और वीरगति को प्राप्त हुए।

आयोजन की प्रमुख झलकियां

सजावट और वातावरण

आयोजन स्थल की छत को रंग-बिरंगे कपड़ों की झालरों से सजाया गया है, जो एक जीवंत, पारंपरिक और उत्सवपूर्ण माहौल तैयार करता है।

कार्यशालाएं और गतिविधियां

बेंत शिल्प निर्माण

बेंत (केन) शिल्प की बारीकियों को जानें।

आदिवासी आभूषण निर्माण

आदिवासी आभूषणों के निर्माण की तकनीक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में सीखें।

आदिवासी व्यंजन

पारंपरिक स्वाद-स्वादिष्ट शाकाहारी और मांसाहारी थाली कॉम्बो और प्लेटर्स का आनंद लें। इनमें हर किसी का पसंदीदा “मड़वा मोमोज़” भी शामिल है।

यहां कोरियन फ्लेवर से प्रेरित स्नैक्स और विशेष व्यंजन मिलेंगी, जो पारंपरिक और आधुनिक स्वादों का अद्भुत संगम पेश करते हैं।

स्टॉल और प्रदर्शनी

सांगी सोहराय : झारखंड की संथाल जनजाति का प्रतिनिधित्व करता यह स्टॉल पारंपरिक सोहराय चित्रकला से सजे सुंदर हस्तशिल्प उत्पाद प्रस्तुत करता है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।

आदिवासी शिल्प समूह

यह समूह भी झारखंड की संथाल जनजाति से है और यहां आपको टेरीकोटा और डोकरा शिल्प की बारीकी से निर्मित कलाकृतियाँ देखने को मिलेंगी, जो आदिवासी कारीगरी की समृद्ध परंपरा को जीवंत करती हैं।

कुजुर प्लस प्रोडक्ट्स एंड सॉल्यूशन्स एलएलपी

झारखंड की उरांव जनजाति का प्रतिनिधित्व करता यह स्टॉल पारंपरिक विधियों और व्यंजनों से बनाए गए विभिन्न प्रकार के अचार प्रस्तुत करता है।

चटाई और बेंत शिल्प

असम की बोडो जनजाति का प्रतिनिधित्व करता यह स्टॉल सुंदर चटाई और बेंत के शिल्पों को प्रदर्शित करता है, जो बोडो समुदाय की कुशल कला और शिल्पकौशल को दर्शाते हैं।

हार्टमेड एसेसरीज़

झारखंड की हो जनजाति का प्रतिनिधित्व करता यह स्टॉल आदिवासी चित्रकलाएँ और गृह सज्जा की वस्तुएँ प्रस्तुत करता है, जो आदिवासी कला की भावना को सुंदरता से अभिव्यक्त करती हैं।

गोहालडिही सबई शिल्प

ओडिशा की संथाल जनजाति का प्रतिनिधित्व करता यह स्टॉल सबई घास से बने उत्पादों को प्रदर्शित करता है, जो पर्यावरण-संवेदनशील और टिकाऊ शिल्प परंपराओं को दर्शाते हैं।

द कोरियन कैफ़े

झारखंड की मुंडा जनजाति का प्रतिनिधित्व करता यह अनोखा स्टॉल पारंपरिक झारखंडी व्यंजनों में कोरियन स्वाद का संगम प्रस्तुत करता है, जो एक फ्यूज़न पाक अनुभव प्रदान करता है।

नेशनल ट्राइबल ट्रेडिशनल

झारखंड की संथाल और खरवार जनजातियों का प्रतिनिधित्व करता यह स्टॉल पारंपरिक आदिवासी उपचार पद्धतियों पर केंद्रित है, जो पारंपरिक चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

यहां सीधे पढ़ें अन्‍य खबरें

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूब वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। साथ ही, सुविधा के मुताबिक अन्‍य खबरें भी पढ़ सकते हैं।

आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, X सहित अन्‍य सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं। खबरें पढ़ सकते हैं। सीधे गूगल हिन्‍दी न्‍यूज पर जाकर खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।

हमारे साथ इस लिंक से जुड़े
https://chat.whatsapp.com/H5n5EBsvk6S4fpctWHfcLK

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *