रक्षाबंधन के पूर्व नकली मिठाइयों को लेकर एसडीएम की ताबड़तोड़ छापेमारी

झारखंड
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  • प्राथमिक जांच में नमूने फेल पाए गए

विश्वजीत कुमार रंजन

गढ़वा। रक्षाबंधन एवं अन्य त्योहारों के मद्देनजर एहतियातन गढ़वा सदर एसडीएम संजय कुमार ने नकली मिठाइयों को लेकर तीन व्‍यापारी के यहां छापामारी की। छापामारी के दौरान दो कारोबारियों से मिली प्रथम दृष्टया मिलावटी या नकली मिठाईयां और खाद्य पदार्थों के संदेह में टीम बनाकर जांच कराई गई। प्राथमिक जांच में नमूने फेल हो गए। जिन मिठाइयों को प्रथम दृष्टया स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाया गया, उन्हें मौके पर ही नष्ट करा दिया गया। संजय कुमार ने कहा कि उक्त कार्रवाई आगे भी सतत रूप से जारी रहेगी।

क्या है मामला

गोपनीय सूचना प्राप्त होने पर एसडीएम संजय कुमार ने मंगलवार शाम मैन रोड स्थित परमपुरी प्लास्टिक दुकान में छापेमारी की। मौके पर लगभग 2 क्‍व‍िंटल मिठाई मिली। जब उनसे इस संबंध में कागज और लाइसेंस आदि मांगे गए, तब वे नहीं दिखा पाये। संदेह बढ़ने पर उनसे गहन पूछताछ की गई।

पूछताछ में पता चला कि कमलापुरी मोहल्ले में एक आवासीय भवन के भूतल में बने चार कमरों में उनका गोडाउन है, जब मौके पर जाकर देखा गया तो वहां बड़ी मात्रा में मिठाई भंडारित की गई थी। इनमें से कुछ मिठाइयों से बदबू भी आ रही थीं। मामले को संदिग्ध मानते हुए मौके पर इन सभी कमरों को बंद करा दिया गया।

अग्रेतर पूछताछ करने पर पता चला कि इनका एक गोडाउन सरस्वती चिकित्सालय वाली गली के अंत में नदी किनारे भी बना हुआ है। वहां मौके पर जाकर देखा गया तो कई क्‍व‍िंटल मिठाइयों का भंडार रखा हुआ पाया गया। इस पर एहतियात के तौर पर एसडीएम ने इस गोदाम में भी ताला लगवा दिया।

एक्सपायरी डेट वाला सॉस भी मिला

छापेमारी के दौरान परमपुरी प्लास्टिक के नदी किनारे वाले गोदाम में पांच-पांच किलो की गैलन वाली 26 गैलन सॉस मिला। उक्त सभी गैलन में एक्सपायरी डेट 4 महीने पूर्व की लिखी हुई थी।

संयुक्त दल ने की जांच

बुधवार को अनुमंडल पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन ने इस संदर्भ में आकस्मिक बैठक के बाद चार सदस्यीय टीम गठित कर गुणवत्ता परीक्षण का निर्णय लिया। तदनरूप अंचल अधिकारी सफी आलम, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अंजना मिंज, सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर संजय कुमार एवं प्रभारी थाना प्रभारी के दल के द्वारा मौके पर पहुंचकर गुणवत्ता एवं अन्य पहलुओं की जांच की गई।

अनुज्ञप्ति भी त्रुटिपूर्ण

अनुज्ञप्ति की जांच के क्रम में फूड सेफ्टी ऑफिसर अंजना मिंज ने बताया कि जो लाइसेंस व्यवसायी ने प्रस्तुत किया है उसमें मिठाईयां आदि के आइटम शामिल नहीं है इसलिए उनकी विज्ञप्ति पर्याप्त नहीं है। एसडीएम में उनके फूड लाइसेंस को नियमानुसार प्रक्रिया अपनाकर रद्द करने का निर्देश दिया

कागजात नहीं दिखा पाये

संबंधित व्यवसायी अजय कुमार से जब इतनी बड़ी मात्रा में मिठाई के स्रोत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे यह मिठाई उत्तर प्रदेश के फूलपुर बनारस और बिहार के औरंगाबाद, गया आदि से मंगवाये है, किंतु वे इस संबंध में परिवहन और क्रय आदि के पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए।

मिठाइयां और खाद्य सामग्री नष्ट की गईं

जांच के दौरान बिना पैकिंग डेट, एक्सपायरी डेट तथा निर्माता के नाम लिखे वाले संदिग्ध पैकेट बंद मिठाइयों को प्राथमिक तौर पर रासायनिक जांच की गई, जांच में फेल होने पर उन्हें मौके पर ही नष्ट करने का निर्णय लिया गया। फल स्वरुप नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को उन्हें विहित रीति से नष्ट करने हेतु सौंप दिया गया। जिसे नगर परिषद की स्वछता टीम ने गड्ढा खोदकर निस्तारित कर दिया।

खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी को निर्देश

एसडीएम संजय कुमार ने खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी को खाद्य सुरक्षा से संबंधित नियमों के तहत नियमानुसार विधिक कार्रवाई करने और अग्रेतर लैब टेस्टिंग आदि का निर्देश दिया गया। साथ ही, उन्हें निर्देश दिया गया कि वे नियमित तौर पर औचक जांच करते रहें। निर्देश दिया गया कि त्योहारों के समय उनकी उपस्थिति क्षेत्र में दिखनी चाहिए, ताकि मिठाई की आड़ में लोगों के स्वास्थ्य से संभावित खिलवाड़ को रोका जा सके।

गोदाम में छापेमारी, ताला लगवाया

मंगलवार की छापेमारी के बाद रात में ज्यादातर नकली मिठाई के अवैध कारोबारी भाग खड़े हुए थे और प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने बड़े शातिर तरीके से अपना भंडार भी यहां वहां शिफ्ट कर दिया था।

इस क्रम में बुधवार दोपहर को संजय कुमार ने मनीष प्लास्टिक एवं एक अन्य प्लास्टिक दुकान के यहां छापेमारी की, जहां मनीष प्लास्टिक के बाजार समिति स्थित गोदाम में एक कुंटल व 80 किलो नकली मिठाई मौके पर मिली। इस गोदाम का भी सैंपल परीक्षण करवाया गया जो कि फेल हो गया। इस पर विस्तृत जांच तथा विधिक कार्रवाई के लिए खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है।

ज्यादातर मिठाइयां बनारस की

जांच के दौरान जो मामला सामने आया उसके अनुसार लगभग 40 कुंतल मिठाइयां डिब्बा बंद हैं, और उनमें फूड लाइसेंस भी अंकित है, एक्सपायरी डेट भी अंकित है, निर्माण करने वाली कंपनी का नाम पता ईमेल आदि भी अंकित है, इसलिए उसकी प्रथम दृष्टया नष्ट नहीं करवाया गया है, यद्यपि उसके सैंपल जांच करवाई गई नमूने प्राथमिक जांच में फेल हो गए।

उनके विस्तृत जांच के लिए नमूने ले दिए गए हैं। जिनकी कल रांची में लैब टेस्टिंग की जानी है। यदि वहां भी नमूने फेल होते हैं तो बनारस की उस कंपनी पर भी विधिक कार्रवाई करने के लिए खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है। साथ ही संबंधित व्यवसायी को भी निर्देश दिया गया है कि कल नमूने की जांच का प्रतिफल आने तक वे इस डिब्बा बंद मिठाई को भी नहीं बेचेंगे और जहां जैसी स्थिति में रखी है उसको वहां से नहीं हटाएंगे।

मिलावटखोरों में हड़कंप

एसडीएम की छापेमारी से मिलावट खोरों में हड़कंप देखा गया। संजय कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य से जुड़े हुए विषय पर प्रशासन की गंभीरता बरकरार रहेगी। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे कम पैसे के चक्कर में नकली मिठाइयां ना खरीदें। दरअसल ये सस्ती मिठाइयां तब बहुत महंगी साबित होती हैं जब उससे कोई गंभीर इन्फेक्शन या साइड इफेक्ट हो जाता है।

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