जनसंख्या वृद्धि से बुनियादी सुविधा और सेवाओं पर पड़ता है दवाब : झा

झारखंड
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  • विश्व जनसंख्या दिवस-2025 का राज्य स्तरीय उद्घाटन का शुभारंभ
  • परिवार नियोजन जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

रांची। विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य जनसंख्या से जुड़े गरीबी, बेरोजगारी, संसाधनों पर दवाब, शिक्षा और कौशल विकास में कमी पर्यावरण पर इसके नकारात्मक प्रभाव, सामाजिक समस्याएं और प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर चर्चा करना है। जनसंख्या वृद्धि से बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं पर भी दवाब पड़ता है और असमानता बढ़ती है। परिणामस्वरूप सामाजिक संघर्ष और कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भरता बढ़ जाती है। उक्‍त बातें राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने कही। वे विश्व जनसंख्या दिवस सदर अस्‍पताल में 11 जुलाई को आयोजि‍त कार्यक्रम में बोल रहे थे।

अभियान निदेशक ने कहा कि भारत की वर्तमान जनसंख्या वृद्धि दर 0.90 और झारखंड की वृद्धि दर 1.25 है। पोपुलेशन प्रोजक्‍शन 2020 के अनुसार झारखंड का ग्रोथ रेट लगातर कम हो रहा है, जिसमें परिवार नियोजन कार्यक्रम का अहम योगदान है। आज हमारे पास संसाधन की मात्रा काफी सीमित है। अगर हमारी आबादी बढ़ती जाएगी और गुणवत्ता नहीं बढ़ेगी तो आगे जाकर हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

श्री झा ने कहा कि महिला के स्वास्थ्य में ध्यान देने के साथ-साथ दो बच्चों के बीच में कम से कम 3 साल का अंतर रखना जरूरी है। हम गांव एवं पंचायत स्तर पर सहिया एएनएम इत्यादि के माध्यम से गांव की किशोरी बालिका, नई दंपत्ति इत्यादि को जागरूक करके इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैंl  गांव एवं पंचायत स्तर पर नुक्कड़ नाटक तथा आई.ई.सी. सामग्री जैसे बैनर, पोस्टर के माध्यम से विस्तृत प्रचार प्रचार किया जाना चाहिए तभी यह कार्यक्रम सफल होगा साथ ही हमें जनसंख्या स्थिरीकरण पर ध्यान देना चाहिए।

निदेशक प्रमुख (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि अस्थाई विधियों की उपयोगिता बढ़ाकर गर्भनिरोधक की आवश्यकता को पूरा किया जाए, जिससे गर्भनिरोधक के अधूरी जरूरत  जैसे कारकों में कमी लायी जा सकें। कम आयुवर्ग में होने वाले विवाह एवं 18 वर्ष से पूर्व हो जाने वाले गर्भधारण एवं गर्भसमापन जैसी समस्याओं को कम करने में परिवार नियोजन की आवश्यकता एवं इसकी अहम भूमिका है। इसलिए सर्वप्रथम ऐसे क्षेत्रों/गांवों को चिन्हित करके उनमें जागरुकता लाने के प्रयासों को बढ़ावा देना है।

रांची सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस.5) के अनुसार झारखंड की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) घटकर 2.3 हो गई है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ये सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के सतत प्रयास से ही संभव हो पाया है। झारखंड की जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जिससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, संसाधनों और बुनियादी ढांचे के लिए चुनौतियां है।

डॉ कुमार ने कहा कि बढ़ती आबादी के कारण प्रदूषण काफी बढ़ रहा है संसाधन का दोहन भी हो रहा है,आने वाले दिनों में बढ़ती आबादी के कारण संसाधन खत्म हो जाएगा। आबादी बढ़ने से वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। यह मृत्यु का बहुत बड़ा कारण है। झारखंड में रांची सबसे अधिक आबादी वाला जिला है, पिछले 10 सालों में यहां आबादी काफी संख्या में बढ़ी है जो की चिंता का विषय है। हमारे राज्य का जनसंख्या घनत्व राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा है, जो किसी न किसी रूप में इकोलॉजी को प्रभावित करता है। हमें जनसंख्या स्थिरकरण को लेकर प्रयास करना चाहिए।

नोडल पदाधिकारी (परिवार नियोजन) डॉ पुष्‍पा ने कहा कि परिवार नियोजन की विधियों में विकल्पों को बढ़ाने के कारण परिवार कल्याण की उपलब्धियों में बढ़ोतरी हुई है। विगत 10 वर्षों में परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्तर पर नये- नये कार्यक्रमों को जोड़ा गया है, जिससे समुदाय में बच्चों में सही अन्तर रखने एवं सीमित करने के फायदे को आसान तरीकों से समझाया जा रहा है

इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस-2025 का थीम में मां बनने की उम्र वही जब तन और मन की तैयारी सही। हमें टीनएज प्रेगनेंसी को रोकने पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए हमें उन तक फैमिली प्लानिंग किट और बास्केट ऑफ़ चॉइस को आसानी से उपलब्ध कराना होगा, ताकि वह इनका उपयोग करके परिवार नियोजन कर सके। जब एक महिला पूरी तरह से तैयार होती है, तब उसे फैमिली प्लानिंग करना चाहिए। हम इस के माध्यम से प्रचार-प्रसार पूर्ण रूप से कर रहे हैं, ताकि लोग जागरुक हो सके।

इस अवसर पर अभियान निदेशक ने परिवार नियोजन वीडियो का अनावरण किया, जो आने वाले दिनों में सहिया एप में जोड़ दिया जाएगा। अभियान निदेशक ने परिवार नियोजन जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर राज्य नोडल पदाधिकारी आईईसी, डॉ लाल माझी, डॉ अजीत खालखो, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विमलेश सिंह, अकय मिंज, परिवार नियोजन समन्वयक, गुंजन खलखो, पंकज कुमार,  नवल किशोर यादव, जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रवीण सिंह, श्वेता वर्मा, प्रीति‍ एवं राज्य एवं जिला के पदाधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

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