गांव में रहते हैं 40 आदिम जनजाति परिवार, 36 के पास नहीं है राशनकार्ड और मकान

झारखंड
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कुतुबुद्दीन

बारियातु (लातेहार)। फुलसु पंचायत के मुक्की में रह रहे 40 आदिम जनजाति परिवार में 36 के पास राशनकार्ड नहीं है। मकान, पहचान पत्र और आधार कार्ड भी नहीं है। यह बातें पंचायत सचिवालय परिसर में लगे कैंप में उभरकर सामने आई।

उपायुक्त भोर सिंह यादव के निर्देश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी दीपाली भगत ने सोमवार को फुलसु पंचायत के मुक्की के आदिम जनजाति परिवार के लोगों की पंचायत सचिवालय परिसर में कैंप का लगाकर समस्या सुनी। कैंप की अध्यक्षता मुखिया तेतरी देवी व पंसस सह प्रखंड उप प्रमुख निशा शाहदेव ने की।

कैंप में चंदरू बिरहोर ने बताया कि हमलोग यहां 40 परिवार रहते हैं। इसमें से मात्र 4 परिवार का राशन कार्ड, आधार कार्ड व पहचान पत्र बना है। अन्य 36 परिवार का ना आधार, ना पहचान पत्र, ना राशन कार्ड और न ही रहने को आवास है। परिवारों में से कई महिला विधवा व कई महिला पुरूष वृद्ध है। उन्हें सरकार द्वारा कोई लाभ नहीं मिलता है।

बीडीओ सह सीओ ने तुरंत सांख्यिकी पदाधिकारी प्रकाश कुमार, आपूर्ति पदाधिकारी चंदन कुमार के माध्यम से सभी परिवारों का आधार बनाने के लिए आवेदन भरवाया। जिस परिवार के सदस्य 18 वर्ष के हो गए हैं, उनका मतदाता सूची में नाम अंकित करने को लेकर प्रपत्र भरा गया।

इस संबंध में बीडीओ सह सीओ भगत ने बताया कि आदिम जनजाति परिवारों का कोई प्रमाण नहीं रहने के कारण आधार कार्ड, पहचान पत्र,राशन कार्ड, आवास, विधवा, वृद्धा व अन्य लाभों से वंचित हैं। वैसे सभी परिवारों का आधार का फार्म भर कर जिला को मार्ग दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। उपायुक्त से बात कर इन परिवारों की सभी समस्या जल्द दूर कर दी जाएगी।

उप प्रमुख शाहदेव ने कहा कि वर्ष 2002-03 में लाटु पंचायत हुआ करता था। इसमें हेरहंज प्रखंड व सलैया ग्राम लाटु में शामिल था। उस समय सरकार द्वारा पांच से सात एकड़ जमीन का पट्टा आदिम जनजाति के विभिन्न परिवारों के नाम से दिया गया था। अब उक्त जमीन पर बिचौलियों का कब्जा है। इस कारण इन परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई है। जांच कर कब्जा दिलाने की बात कही।

मौके पर निर्वाचन के ऑपरेटर आलोक दुबे, हल्का कर्मचारी अमित कुमार, पूर्व मुखिया अर्जुन उरांव, कांग्रेस नेता लाल आशीष नाथ शाहदेव, स्थानीय डीलर गौरी सिंह, समाजसेवी मो बेलाल, ऑपरेटर दिनेश पासवान, सुरेन्द्र पासवान के अलावा कई लोग मौजूद थे।