
- उद्योग विशेषज्ञों और पूर्व छात्रों ने साझा किये अनुभव
रांची। आईआईएम, रांची में एमबीए (एग्जीक्यूटिव) समर प्रोग्राम 2025-27 के 16वें बैच की शुरुआत हुई। इस अवसर पर संस्थान के प्राध्यापक, उद्योग जगत के पदाधिकारी और पूर्ववर्ती छात्रों ने एकजुट होकर नये सत्र मे शामिल वर्किंग प्रोफेसनल्स का स्वागत किया।
आईआईएम के निदेशक प्रो. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में एमबीए एग्जीक्यूटिव कोर्स को “प्रासंगिक और व्यावहारिक” बताया। उन्होंने कहा कि कोर्स तीन प्रमुख विशेषताओं पर आधारित है, पहला – प्रतिभागिता केंद्रित शिक्षण पद्धति, दूसरा – वास्तविक अवसरों से रूबरू होने का अवसर और तीसरा – निरंतर सीखने व आगे बढ़ने की प्रवृत्ति।
प्रोर श्रीवास्तव ने कहा कि प्रत्येक सत्र नये अवसरों को एक नये नजरिये से देखने का अवसर देती है, जिससे प्रबंधन की अवधारणाओं का तलाश करना संभव होता है। उन्होंने प्रतिभागियों को कोर्स में रहते हुए नेटवर्किंग और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रेसिडेंट सह प्लांट हेड जयेश पवार ने छात्रों को नये अवसर की राह में बढ़ते हुए नये कौशल और ज्ञान को निखारते रहने का संदेश दिया। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि यह एक ऐसा अवसर है जहां आपको विभिन्न कार्यक्षेत्र का अनुभव मिलेगा, साथ ही प्रबंधन जगत की चुनौतियों को समझने और उनके हल निकालने के लिए अलग दृष्टिकोण तैयार करने की पहल करने का सुझाव दिया।
मुख्य अतिथि सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजीज) अमित शुक्ला ने छात्रों को संबोधित करते हुए निरंतर रहते हुए नये अवसरों की तलाश करने पर जोर दिया। कहा कि, सफलता के लिए केवल प्रतिभाशाली होना जरूरी नहीं, लगातार प्रयास करते हुए नयी चीजों को सीखना भी सफलता की ओर ले जाता है।
श्री शुल्का ने प्रबंधक की भूमिका को व्यापक बताते हुए – सेल्स, मार्केटिंग, ऑपरेशंस और रिसोर्स मैनेजमेंट की जानकारी रखने की बात कही। इससे सोच का दायरा बढ़ाने के साथ मौजूदा समय की जटिल व्यावसायिक चुनौतियों का समाधान निकालना आसान होगा। इसके लिए उन्होंने रचनात्मक एवं आलोचनात्मक सोच और तकनीक आधारित कौशल को बढ़ाने पर बल दिया।
श्री शुक्ला ने प्रतिभागी छात्रों को करियर में बेहतर अवसर हासिल करने के लिए प्रोफेसनल जगत की विविधता को अपनाने, सहयोग की भावना के साथ निरंतर सीखते रहने का मूल मंत्र दिया।
उद्घाटन सत्र में एमबीए (एक्जीक्यूटिव) प्रोग्राम के चेयरपर्सन प्रो. राजीव रंजन कुमार ने प्रतिभागी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पाठ्यक्रम खासतौर पर वर्किंग प्रोफेशनल्स की जरूरतों, मार्केट की डिमांड और इंडस्ट्री की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
प्रो. रजन ने जानकारी दी कि इस वर्ष 187 आवेदकों में से केवल 35 प्रतिभागियों का चयन किया गया है, जो इस कोर्स की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाता है। प्रो. राजीव ने पाठ्यक्रम की संरचना और ग्रेडिंग सिस्टम पर विस्तार से प्रकाश डाला।
एग्जीक्यूटिव एजुकेशन एंड कंसल्टेंसी (ईईसी) विभाग के डीन प्रो. अमित सचान ने कहा कि नये सत्र में शामिल प्रतिभागियों में विविधता देखने को मिल रही है, जो एक-दूसरे से सीखने, इंडस्ट्री नॉलेज साझा करने और नेटवर्किंग के बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि आप यहां सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं आये हैं, बल्कि एक मजबूत पेशेवर नेटवर्क बनाने और व्यापक औद्योगिक दृष्टिकोण विकसित करने का यह सुनहरा मौका है।
वहीं, पूर्ववर्ती छात्रों में नितेश कुमार, कुमार सिद्धांत और मनीष कुमार चौधरी ने भी कोर्स से जुड़े अपने अनुभवों को साझा करते हुए नये प्रतिभागियों को अवसरों का भरपूर लाभ उठाने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि कैसे इस कार्यक्रम ने उनके करियर को एक नई दिशा दी। साथ ही आने वाले दिनों में एक-दूसरे के संपर्क में रहकर नये अवसरों की तलाश करने पर जोर दिया।
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