भारत सरकार जारी करने जा रही 100 रुपए का सिक्का

नई दिल्ली देश
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नई दिल्‍ली। भारत सरकार 100 रुपए का सिक्का जारी करने जा रही है। इसे जैन तेरापंथ धर्म संघ के 10वें अधिशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती के उपलक्ष्य में जारी किया जाएगा।

आचार्य महाप्रज्ञ को एक महान संत, योगी और दार्शनिक के रूप में याद किया जाता है। वे एक बेहतरीन लेखक के साथ अच्छे वक्ता और कवि भी थे। उनके कार्यों और शिक्षाओं ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।

राजस्थान के झुंझुनू जिले के टमकोर में 14 जून, 1920 को जन्मे आचार्य महाप्रज्ञ का तेरापंथ धर्म संघ में दीक्षित होने से पहले गृहस्थ जीवन का नाम नथमल चौंरड़िया था। मुनि दीक्षा के बाद वे मुनि नथमल बने। मुनि नथमल आगे चलकर तेरापंथ धर्म संघ के दसवें आचार्य महाप्रज्ञ बने।

तेरापंथ धर्म संघ से जुड़े सिक्को का संग्रहण और अध्यन करने वाले बीकानेर के सुधीर लुणावत ने बताया कि आचार्य श्री महाप्रज्ञ पर जारी होने वाले सिक्के का कुल वजन 40 ग्राम होगा। यह शुद्ध चांदी से बना होगा। सिक्के की गोलाई 44 मिलीमीटर होगी। इस सिक्के का निर्माण भारत सरकार की मुम्बई टकसाल द्वारा किया गया है।

सुधीर के अनुसार इस सिक्के की संभावित कीमत 8000 रुपए के आसपास रहने की उम्मीद है। इस सिक्के का अनावरण अगस्त महीने में तेरापंथ के वर्तमान आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में अहमदाबाद में होगा। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने सिक्के जारी करने के लिए गजट अधिसूचना 24 जुलाई, 2025 को जारी कर दी है।

आचार्य महाप्रज्ञ के इस 100 रुपए के स्मारक सिक्के को जारी कराने में मुख्य भूमिका निभाने वाली कोलकाता की श्रीमती दीवा जैन (बैंगानी) के अनुसार यह सम्पूर्ण जैन समाज के लिए हर्ष और गौरव का विषय है कि हमारे आराध्य पर भारत सरकार सिक्का जारी कर रही है।

इस सिक्के के एक तरफ मध्य भाग में आचार्य श्री महाप्रज्ञ का फोटो होगा। इसकी ऊपरी परिधि पर हिंदी और निचली परिधि पर अंग्रेजी में आचार्य महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती लिखा होगा। आचार्य महाप्रज्ञ के फोटो के दाएं और बाएं उनका जीवन काल क्रमशः 1920 और 2010 लिखा होगा। चित्र के ठीक नीचे सिक्का जारी होने वाला वर्ष 2025 लिखा होगा।

सिक्के के दूसरी तरफ अशोक स्तम्भ के नीचे रुपए के प्रतीक चिन्ह के साथ मूल्यवर्ग 100 लिखा होगा। इसके दाएं और बाएं हिंदी एवं अंग्रेजी में भारत व इंडिया लिखा होगा।

इस सिक्के के जारी होने की खबर से सिर्फ बीकानेर ही नहीं अपितु संपूर्ण देशभर के जैन तेरापंथ समाज में खुशी की लहर है।

तेरापंथ के नौंवे आचार्य श्री तुलसी ने मुनि श्री नथमल का महाप्रज्ञ नामकरण गंगाशहर में किया था। आचार्य तुलसी ने अपने जीवनकाल में ही महाप्रज्ञ जी को तेरापंथ का 10 वें आचार्य बना दिया था। आचार्य महाप्रज्ञ की स्मृति में गंगाशहर नई लाइन में महाप्रज्ञ स्तंभ भी बनाया गया है ।

बीकानेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम के आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेन्टर में “महाप्रज्ञ बोनमेरो सेंटर का भी निर्माण हुआ है। उनकी जन्म शताब्दी 2020 में देश भर में अनेक जगहों पर आचार महाप्रज्ञ के नाम से मार्ग बने। मानव कल्याण के लिए कई संस्थानों का निर्माण भी हुआ।

तेरापंथ समाज पूरे देश मेंआचार्य महाप्रज्ञ इंटरनेशनल स्कूल की श्रंखलाओं का निर्माण जारी है। उनके जन्म स्थान टमकोर में आचार्य महाप्रज्ञ कॉलेज में सैकड़ों विधार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

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