
- एम्बुलेंस की लापरवाही से मौत हुई तो सिविल सर्जन होंगे जिम्मेदार
रांची। सदर अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त करें। छोटे मर्ज पर रिम्स रेफर करने की कवायद बंद हो। उक्त निर्देश स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने दिए। उन्होंने 20 जुलाई को रांची के नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की।
मंत्री ने साफ शब्दों में निर्देश दिया कि “सदर अस्पतालों की व्यवस्था तुरंत सुधारी जाए। मामूली बीमारियों के लिए मरीजों को रिम्स रेफर करने की आदत को बंद किया जाए। डॉक्टर, दवा और एम्बुलेंस की कमी का बहाना अब नहीं चलेगा। मरीज को बेहतर इलाज मिले, यही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, जेएमएचआईडीपीसीएल के प्रबंध निदेशक अबु इमरान, जसास की कार्यकारी निदेशक श्रीमती नेहा अरोड़ा, एनएचएम के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा, निदेशक प्रमुख सिद्धार्थ सान्याल, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज, समेत सभी जिलों के सिविल सर्जन एवं अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्य निर्देश व घोषणाएं
प्राइवेट डॉक्टरों की सेवाएं लें
आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी सदर एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में प्राइवेट डॉक्टरों की नियुक्ति करें। उन्हें प्रोत्साहन राशि समय पर दें। उनकी ओपीडी सेवा शनिवार-रविवार को भी चालू रखें।
बड़े शहरों से विशेषज्ञ बुलाएं
रांची, पटना, कोलकाता व दिल्ली जैसे स्थानों से योग्य डॉक्टरों को बुलाकर विशेष शिविर आयोजित करें। प्रचार-प्रसार और एडवांस नंबरिंग प्रणाली सुनिश्चित करें।
एम्बुलेंस प्रबंधन सख्त
मंत्री ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि यदि एम्बुलेंस की लापरवाही या रेफरल देरी से किसी मरीज की मृत्यु होती है, तो सिविल सर्जन जिम्मेदार होंगे।
डिजिटल स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार
मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत अस्पतालों को हाई स्पीड इंटरनेट लीज लाइन व निःशुल्क वाई-फाई सुविधा से जोड़ने के लिए समय सीमा भी तय किया गया।
- 15 सितंबर तक अनुमंडलीय अस्पताल
- 15 अक्टूबर तक सीएचसी
- 15 अक्टूबर तक सदर अस्पताल
- 15 नवंबर तक पीएचसी
आधुनिक मॉडल अपनाने पर बल
बैठक के उपरांत सभी सिविल सर्जनों को रांची सदर अस्पताल का भ्रमण कराया गया। मंत्री ने निर्देश दिया कि “रांची मॉडल को पूरे राज्य में लागू करें। मानव संसाधन, वित्तीय व तकनीकी सहयोग देने में सरकार तत्पर है।” स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि आज दिए गए सभी निर्देशों की समीक्षा एक माह बाद पुनः की जाएगी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
- आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी सरकारी अस्पतालों का इम्पैनलमेंट कराएं।
- प्रत्येक जिला अस्पताल को वर्ष में ₹6 करोड़ की राशि उपार्जित करनी है।
- प्रत्येक सब सेंटर को ई-केवाईसी के लिए दो टैबलेट (सिम सहित) प्रदान किए जाएंगे।
- आईपीएचएस मानकों के अनुरूप सभी अस्पतालों को दो वर्षों में अपग्रेड किया जाए।
- मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के प्रचार हेतु प्रमुख स्थलों पर होर्डिंग लगवाएं।
- 1.5 लाख किमी या 8 वर्ष से अधिक पुराने एम्बुलेंस की सूची शीघ्र उपलब्ध कराएं।
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