तकनीकी ज्ञान और संसाधनों से लैस एक स्वावलंबी उद्यमी बने किसान : मंत्री

झारखंड
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  • दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय कृषि यंत्र वितरण में ₹3.30 करोड़ की परिसंपत्ति बंटी

गणपत लाल चौरसिया

गुमला। कार्तिक उरांव महाविद्यालय स्थित बहुउद्देशीय भवन में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय कृषि यंत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि झारखंड सरकार की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पा नेहा तिर्की रहीं। कार्यक्रम में ₹3.30 करोड़ मूल्य की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।

कार्यक्रम में आरपी सिंह, कार्यपालक निदेशक, जैमटिक, अशोक सम्राट, निदेशक, भूमि संरक्षण निदेशालय, विधायक तोरपा सुदीप गुड़िया; कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष; जिला परिषद अध्यक्ष किरण माला बाड़ा, उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित, उप विकास आयुक्त  दिलेश्वर महत्तो, अपर समाहर्ता व अन्य पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम में 1,800 से अधिक लाभुकों की उपस्थिति रही।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि झारखंड का प्रत्येक कोना मिट्टी, मेहनत और किसानी से जुड़ा है। सरकार की मंशा यह है कि किसान केवल उत्पादक ना रहकर, तकनीकी ज्ञान और संसाधनों से लैस एक स्वावलंबी कृषक उद्यमी बने। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ट्रैक्टर वितरण योजना एवं कृषि यंत्रीकरण योजना के माध्यम से महिलाओं, किसान समूहों और व्यक्तिगत किसानों को सीधे अनुदान आधारित परिसंपत्तियां उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मंत्री ने ऑनलाइन फ्रॉड से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि किसान योजनाओं से जुड़ें। जानकारी प्राप्त करें और बिचौलियों से पूरी तरह बचें। सोलर पंपसेट, जो सामान्यतः ₹1.5 लाख के होते हैं, उन्हें किसान मात्र ₹18 हजार में प्राप्त कर रहे हैं। यह ना तो डीज़ल से चलता है और ना ही पेट्रोल से। महिलाएं भी इसे आसानी से संचालित कर सकती हैं।

कार्यक्रम में मंत्री द्वारा स्वयं ट्रैक्टर चलाकर यह सशक्त संदेश दिया गया कि महिलाएं अब खेती से लेकर मशीन संचालन तक हर क्षेत्र में दक्षता के साथ आगे आ रही हैं। उन्होंने महिला कृषकों को आत्मनिर्भर एवं उन्नत किसान बनने की प्रेरणा दी।

इस अवसर पर आरपी सिंह ने कहा कि राज्य में कृषि तकनीक में परिवर्तन लाया जा रहा है। आधुनिक यंत्रों के माध्यम से छोटे और मध्यम किसानों को सशक्त बनाया जा रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत 80 से 90 प्रतिशत अनुदान पर यंत्रों का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने पारंपरिक खेती से हटकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती करने का आह्वान किया।

उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने कहा कि आज का दिन जिले के लिए गौरव और प्रसन्नता का दिन है। कृषि हमारी आजीविका का मूल है और सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसान आधुनिक संसाधनों और तकनीकी सहयोग से अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जमाने में एक कृषि कार्य ही एक ऐसा कार्य है,जिसका स्थान कोई नहीं ले सकता, अतः किसानों को नए तकनीक का उपयोग करते हुए अपने क्षेत्र में उन्नत करने की आवश्यकता है।

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