
रांची। जगन्नाथ महोत्सव-2025 के अवसर पर ‘अबुआ संस्कृति अबुआ अखरा’ की थीम पर आधारित एक जोरजा नृत्य किसान समाज दल लोध ( महुआडांड़, लातेहार) के कलाकारों ने 6 जुलाई को पेश किया।
इस अवसर पर पारंपरिक आदिवासी नृत्य, लोक गीत, नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से स्थानीय संस्कृति की समृद्ध विरासत को दर्शाया गया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय कलाकारों, बच्चों और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे आयोजन में और अधिक ऊर्जा और जीवंतता देखने को मिली।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करना, पारंपरिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाना और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना रहा।
नृत्य मंडली लोध के प्रतिनिधियों ने बताया कि समाज में सांस्कृतिक चेतना और समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार के आयोजन भविष्य में भी लगातार किए जाते रहेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग द्वारा किया गया।
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