महज 55 किलोमीटर की दूरी के लिए एंबुलेंस ने मरीजों से वसूले 9 हजार

झारखंड मुख्य समाचार
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। झारखंड में लोहरदगा जिले में निजी अस्पताल और उसके एंबुलेंस की मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। महज 55 किलोमीटर की दूरी के लिए एंबुलेंस ने मरीजों से 9 हजार रुपये वसूले।

जानकारी के मुताबिक लोहरदगा के शहरी क्षेत्र स्थित न्यू संजीवनी हॉस्पिटल में हगरु उरांव और लालजीत उरांव इलाजरत थे। उन्हें बेहतर इलाज के लिए हॉस्पिटल ने गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया। दो मरीजों से गुमला सदर अस्पताल पहुंचाने के एवज में एंबुलेंस ने 9000 रुपए वसूले। दोनों अस्‍पतालों के बीच की दूरी महज 55 किलोमीटर है।

मजेदार बात यह है कि लोहरदगा सदर अस्पताल से उक्‍त हॉस्पिटल की दूरी महज 100 गज है। इसके बावजूद मरीजों को लोहरदगा सदर अस्‍पताल रेफर नहीं किया गया। मरीजों को गुमला सदर अस्‍पताल भेजा गया।

न्यू संजीवनी हॉस्पिटल द्वारा एक एंबुलेंस में दो मरीजों को सदर अस्पताल पहुंचाया गया। एंबुलेंस चार्ज के नाम पर दोनों मरीजों से 9000 रुपए वसूले गए।

सूत्रों के अनुसार न्यू संजीवनी हॉस्पिटल द्वारा एम्बुलेंस का ना तो परमिट बनाया गया और ना ही वाहन एम्बुलेंस के नाम पर रजिस्ट्रेशन किया गया है। निजी वाहन (न0 JH01CN-2429) पर एंबुलेंस लिखकर चलाया जा रहा है। गुमला जाने के लिए भाड़े के वाहनों में महज 2000 हजार रुपए किराया लगता है। वही अस्पताल द्वारा 9000 हजार रुपए लिए गए हैं।

मामले पर लोहरदगा सिविल सर्जन डॉ शंभूनाथ चौधरी ने कहा एंबुलेंस सेवा जनहित के लिए है। निजी अस्पताल द्वारा एंबुलेंस के नाम पर मरीजों का दोहन किया जा रहा है। यह पूरी तरह गलत है। ये गबन का मामला है। पूरे मामले को लेकर उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। दोषी अस्पताल पर नियम संगत करवाई की जाएगी।

मामले पर न्यू संजीवनी हॉस्पिटल के प्रबंधक संजीव कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा मैंने एंबुलेंस को भाड़ा में दे रखे है। अब वे कितना लेते हैं, मुझे नहीं मालूम। उन्होंने कहा मै रांची में मीटिंग में हूं।

बताते चलें कि संजीवनी हॉस्पिटल पूर्व से ही अवैध ड्रग्स सहित कई मामलों में चर्चा पर रहा है। कोर्ट रोड स्थित संजीवनी हॉस्पिटल में विभागीय कार्रवाई के बाद प्रबंधक को जेल की भी खानी पड़ी। आज भी विभाग द्वारा एक संजीवनी हॉस्पिटल सील है। पूर्व में मां यशोदा के नाम से एक ब्रांच चल रहा था। अब न्यू संजीवनी हॉस्पिटल के नाम चलाया जा रहा है।

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