लंदन। आज यूनाइटेड किंगडम ने सत्य, न्याय और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारी जनदबाव और राजनीतिक दबाव के बाद, सर कीर स्टारमर ने आखिरकार ग्रूमिंग गैंग्स घोटाले पर एक वैधानिक राष्ट्रीय जांच की घोषणा की है।
यह निर्णय-भले ही देर से आया हो- उन पीड़ितों, सामुदायिक नेताओं और नागरिकों की अटूट मेहनत का प्रत्यक्ष परिणाम है जिन्होंने इस राष्ट्रीय कलंक को और अधिक अनदेखा नहीं होने दिया।
बिहार और झारखंड के सपूत का नेतृत्व
कंज़र्वेटिव पार्षद पद के उम्मीदवार के रूप में, और बिहार एवं झारखंड की मिट्टी से जुड़े एक भारतीय मूल के नागरिक के तौर पर, मैं, प्रशांत कुमार, स्वयं को विनम्र अनुभव करता हूं कि मुझे इस जनांदोलन का डिजिटल नेतृत्व करने का अवसर मिला, जिसने इस मुद्दे को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने में भूमिका निभाई।
पिछले कुछ महीनों में:
• मैंने व्यक्तिगत रूप से यूके में बसे भारतीय और दक्षिण एशियाई प्रवासी समुदाय के हजारों लोगों से इस मुद्दे पर बोलने की अपील की
• डिजिटल अभियानों को संगठित और सक्रिय किया
• प्रभावशाली व्यक्तियों, सामुदायिक नेताओं और पत्रकारों से इस मुद्दे पर खुलकर बोलने की मांग की
• पीड़ितों की अपीलों, याचिकाओं और डिजिटल सामग्री का निर्माण व प्रसार किया ताकि दबाव बना रहे
यह राजनीति का विषय कभी नहीं था। यह बच्चों की सुरक्षा और न्याय की बहाली का सवाल है और रहेगा।
यह नेतृत्व नहीं, जनदबाव की जीत है
साफ़ कहें: कीर स्टारमर ने नेतृत्व नहीं किया — उन्होंने दबाव में आकर निर्णय लिया। महीनों तक उन्होंने पीड़ितों को अनसुना किया और कोई कार्रवाई नहीं की। 1,50,000 से अधिक हस्ताक्षर, मीडिया का बढ़ता दबाव और पीड़ितों की साहसिक गवाही ने अंततः उन्हें यह निर्णय लेने को मजबूर किया।
न्याय में देरी, न्याय से इनकार है।
यह जांच तेज़, पीड़ित-प्रेरित और निर्भीक होनी चाहिए। इसे उजागर करना होगा:
• पुलिस, परिषदों और नेताओं ने क्यों आंखें मूंदी रखीं
• सार्वजनिक संस्थानों ने श्वेत और वर्किंग-क्लास किशोरियों को कैसे असफल किया
• क्यों अधिकतर पाकिस्तानी-मुस्लिम पृष्ठभूमि के अपराधियों को वर्षों तक राजनीतिक शिष्टाचार के नाम पर छूट मिलती रही
हैरो और पूरे राष्ट्र के लिए मेरा संकल्प
एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो ब्रिटिश मूल्यों और भारतीय विरासत दोनों में रचा-बसा है, मेरा विश्वास है कि हमारी ताकत चुप्पी में नहीं, बल्कि सच्चाई में है।
मैं संकल्प लेता हूं:
• पीड़ितों के साथ खड़ा रहूंगा — हैरो और उससे आगे भी उनकी आवाज़ को बुलंद करूंगा
• संसद और जनमंचों पर पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई की मांग करता रहूंगा
• सच्चाई को बिना डर कहूंगा, क्योंकि सार्वजनिक सुरक्षा को राजनीति के लिए कभी बलिदान नहीं किया जा सकता
पीड़ितों के नाम
आपका साहस हमें यहां तक लाया।
आपकी शक्ति ने हजारों को प्रेरित किया।
आपकी आवाज़ ने चुप्पी की दीवार तोड़ी।
यह जांच सिर्फ शुरुआत है — और मैं आपके साथ खड़ा हूं, जब तक न्याय पूरा नहीं होता।
प्रशांत कुमार का वक्तव्य – कंज़र्वेटिव पार्षद पद उम्मीदवार, हैरो
“यह लड़ाई कभी सुर्खियों के लिए नहीं थी। यह उपचार के लिए थी। यह सम्मान के लिए थी। और यह सही के साथ खड़े होने के लिए थी — चाहे वह कितना भी असहज क्यों न हो। हैरो से उम्मीदवार और बिहार-झारखंड का गर्वित सपूत होने के नाते, मैं एक सुरक्षित, सशक्त और न्यायपूर्ण ब्रिटेन के लिए लड़ना कभी नहीं छोड़ूंगा।”
प्रशांत कुमार
कंज़र्वेटिव पार्षद पद उम्मीदवार
हैरो वेस्ट, लंदन, यूनाइटेड किंगडम
यहां सीधे पढ़ें खबरें
खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। सुविधा के अनुसार अन्य खबरें पढ़ सकते हैं।
आप अपने न्यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्टाग्राम, x सहित अन्य सोशल मीडिया के साथ-साथ सीधे गूगल हिन्दी न्यूज पर भी जुड़ सकते हैं। यहां भी खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।
हमसे इस लिंक से जुड़ेंhttps://chat.whatsapp.com/KFx4zY9YysxKWCO5Z8HWlj