सुनी अरदास स्वामी मेरे सरब कला बण आई..…

झारखंड धर्म/अध्यात्म
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  • शहीदी गुरुपर्व के उपलक्ष्य में आयोजित समागम का समापन

रांची। गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी में स्त्री सत्संग सभा के तत्‍वावधान में श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी गुरुपर्व का आयोजन किया जा रहा है। इसके दूसरे और अंतिम दिन 1 जून के दीवान की शुरुआत सुबह 11 बजे स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल के “सुनी अरदास स्वामी मेरे सरब कला बण आई..…” शबद गायन से हुई।

कथावाचन करते हुए गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह ने बताया कि गुरु अर्जन देव जी की निर्मल प्रवृत्ति, सहृदयता, कर्तव्यनिष्ठता तथा धार्मिक एवं मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पण भावना को देखते हुए गुरु रामदास जी ने 1581 में पांचवें गुरु के रूप में उन्हें गुरु गद्दी पर सुशोभित किया। अपने जीवन काल में उन्होंने गुरुओं की बाणी को संकलित कर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का संपादन किया।

जहांगीर द्वारा इस्लाम का गुणगान करने के प्रस्ताव को उन्होंने ठुकरा दिया। फिर यासा कानून के तहत उन्हें भीषण शारीरिक यातनाएं दी गई, पर गुरु अर्जन देव जी ने ‘तेरा कीआ मीठा लागे हरि नाम पदारथ नानक मागे’ शबद का उच्चारण करते हुए सन्‌ 1606 में अमर शहीदी प्राप्त की।

गुरुद्वारा के हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह ने “उतर गयो मेरे मन का शंसा, जब ते दरशन पाया, तुम शरणाई आया ठाकुर, तुम शरणाई आया…..” और “सभे जिअ समाल अपणी मेहर कर …” शबद गायन किया।

गुरुपर्व में विशेष रूप से शिरकत करने पहुंचे सिख पंथ के प्रसिद्ध कीर्तनी जत्था भाई कुलविंदर सिंह खरड़, मोहाली वाले ने दोपहर 1 बजे से 2.45 बजे तक गुरु अर्जुन देव जी की बाणी ” भ जिओ खसमाना कर पिआरे बुरे भले हम थारे …..” एवं भाई गुरदास जी की बाणी “इक बाबा अकाल रूप दूजा रबाबी मरदाना…..” और गुरु अमरदास जी की बाणी  “साचे साहिबा क्या नाहीं घर तेरै, दर तां तेरी सब किछु है जिस दे है सो पावई…….” जैसे कई शबद गायन कर साध संगत को गुरबाणी से जोड़ा। शबद गायन के बीच उन्होंने संगत को वाहेगुरु का जाप भी कराया।

सत्संग सभा के अध्यक्ष द्वारका दास मुंजाल भाई कुलविंदर सिंह एवं साथियों और सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने मर्चेंट नेवी राजीव नयन सिंह को गुरु घर का सरोपा ओढ़ाकर सम्मानित किया। सभा के सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने इस आयोजन के लिए स्त्री सत्संग सभा की सदस्यों समेत समूह साध संगत तथा सेवादारों का धन्यवाद किया।

श्री अनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुकुमनामा और कढ़ाह प्रशाद वितरण के साथ दीवान की समाप्ति दोपहर 3.30 बजे हुई। गुरु घर के सेवक पवनजीत सिंह खत्री ने कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब के चैनल मेरे साहिब पर किया। मंच संचालन मनीष मिढ़ा ने किया। दोपहर 1.30 बजे से गुरु का अटूट लंगर चलाया गया, जिसमें दो हजार श्रद्धालुओं ने पंगत में बैठकर गुरु का लंगर चखा। आज के लंगर की सेवा मर्चेंट नेवी राजीव नयन सिंह के परिवार द्वारा कराई गई।

सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि इस मौके पर गुरुनानक सेवक जत्था द्वारा सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाया गया। गुरुद्वारा साहिब के बेसमेंट में नागरमल मोदी सेवा सदन ब्लड बैंक के सहयोग से लगाए गए इस शिविर में 18 लोगों ने स्वैक्षिक रक्तदान किया।

शिविर के संचालन में जत्था के सूरज झंडई, करण अरोड़ा, वंश डावरा, पीयूष मिढ़ा, जयंत मुंजाल, अमन डावरा, कनिश गाबा, बख्श मिढ़ा,बेअंत मिढ़ा और सेवा सदन ब्लड बैंक के लक्ष्मी देवी, सुनयना तिर्की, सुमित खलखो, पुष्पा देवी समेत अन्य की विशेष सक्रियता रही।

समागम के आयोजन में स्त्री सत्संग सभा की गीता कटारिया, मनोहरी काठपाल, मंजीत कौर, बंसी मल्होत्रा, रमेश गिरधर, बिमला मिढ़ा, नीता मिढ़ा, इंदु पपनेजा, मीना गिरधर, नीतू किंगर, ममता थरेजा, रेशमा गिरधर, ममता सरदाना, अमर मुंजाल, हरजिंदर कौर, उषा झंडई, खुशबू मिढ़ा, जसवीर मुंजाल, गुड़िया मिढ़ा की भागीदारी रही।

लंगर सेवा में अशोक गेरा, सुरेश मिढ़ा, मोहन काठपाल, राजकुमार सुखीजा, ललित गखड़, अनूप गिरधर, हरीश मिढ़ा, नानक चंद अरोड़ा, जीवन मिढ़ा और जोड़े की सेवा में प्रेम मिढ़ा, पुरुषोत्तम सरदाना, लक्ष्मण अरोड़ा, मीडिया की सेवा में नरेश पपनेजा एवं पवनजीत सिंह खत्री और छबील की सेवा में बसंत काठपाल, भूपिंदर सिंह, करण चूचरा, अमन सचदेवा, रिक्की मिढ़ा एवं सोशल मीडिया सेवा में पीयूष थरेजा, जय गाबा व साहिल सरदाना की विशेष भागीदारी रही।

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