झारखंड सीएसआर कॉन्क्लेव के प्री मीट में 30 जनजातीय समुदाय के अगुवाओं ने लिया भाग

झारखंड
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  • शिक्षास्वास्थ्य, खेलकूदकला संस्कृति, पेयजल पर सीएसआर फंड का इस्तेमाल करने पर जोर

रांची। मिशन ब्लू फाउंडेशन और आई-थ्री फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में झारखंड सीएसआर कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन 22 और 23 अगस्त को होटल चाणक्य बीएनआर, रांची में किया जाएगा। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य कॉर्पोरेट, एनजीओ, सिविल सेवाओं के प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक साझा मंच प्रदान कर राज्य में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व को और अधिक प्रभावशाली और सशक्त बनाना है। इस आयोजन को लेकर रविवार को स्थानीय होटल में झारखंड सीएसआर कॉन्क्लेव प्री मीट का आयोजन किया गया। प्री मीट का थीम “ट्राइबल वेलफेयर” था।

इस प्री मीट में झारखंड के 30 जनजाति समुदाय के प्रतिनिधिमंडल और लगभग 200 लोगों ने पूरे राज्य से आए प्रतिनिधि शामिल हुए और अपना विचार व्यक्त किए। अलग अलग जिलों से आए प्रतिनिधिमंडल ने सीएसआर फंड का इस्तेमाल किस क्षेत्र और प्राथमिक की स्तर पर कैसे हो, इसका सुझाव दिए। जनजाति समुदाय के अगुवा लोगों ने शिक्षा,  स्वास्थ्य, खेलकूद, पारंपरिक कला संस्कृति, पेयजल, अंधविश्वास जैसे कई विषयों पर सीएसआर फंड का इस्तेमाल करने की बात कहीं।

इस अवसर पर पूर्व विधायक शिव शंकर उरांव ने कहा कि सीएसआर फंड का इस्तेमाल आपसी समन्वय बनाकर इस्तेमाल किया जाए तो आदिवासी समाज का समग्र विकास होगा। झारखंड के संसाधन को भी बचा सकते है। झारखंड में सीएसआर पॉलिसी बनी है, लेकिन इसमें अभी सुधार की जरूरत है। हमारी कोशिश रहेगी कि इस पॉलिसी की कमियों को दूर किया जाए। सीएसआर कॉन्क्लेव  प्री मीट के माध्यम से आए सुझाव से झारखंड में सीएसआर फंड का इस्तेमाल सही ढंग से उपयोग करने में मदद मिलेगी।

पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि सीएसआर फंड का इस्तेमाल सही जगह हो यह बहुत जरूरी है। फंड का इस्तेमाल खास तौर पर झारखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल आदि पर खर्च हो।

मिशन ब्लू फाउंडेशन के अध्यक्ष पंकज सोनी ने कहा कि झारखंड सीएसआर कॉन्क्लेव के प्री मीट में एक रूपरेखा तैयार होगा, ताकि आने वाले समय में सीएसआर फंड का इस्तेमाल पारंपरिक कला संस्कृति, खान पान आदि का विकास हो। कॉर्पोरेट कंपनियों के बीच एक समन्वय बनाकर फंड का इस्तेमाल झारखंड के विकास पर हो, इस पर फोकस किया जाएगा।

कॉन्क्लेव में राज्यभर में कार्यरत हजारों एनजीओ के प्रतिनिधि और 200 से अधिक से सरकारी एवं निजी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह कार्यक्रम कंपनियों और सामाजिक संस्थाओं के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करेगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त प्रयास किए जा सकें।

आई-थ्री फाउंडेशन के राजीव गुप्ता ने कहा कि झारखंड के विकास में जनजाति समुदाय की भागीदारी बहुत ही हम है। झारखंड सीएसआर कॉन्क्लेव में कारपोरेट कंपनियां शामिल हो रही है, जो झारखंड के विकास के लिए फंड का इस्तेमाल करती है।

इस आयोजन में इंडस्ट्री पार्टनर के रूप में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स भी सहयोग कर रहा है। इस अवसर पर सेल बोकारो के जीएम हेमू टोप्पो, बीएसएनएल के जीएम उमेश प्रसाद साह, राजू पोद्दार, पीएचडी चैंबर के मंतोष कुमार, राहुल कुमार, बिंदेश्वर उरांव समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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