देगुड़वा के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे, महीनों से बंद पड़ा है जलमीनार

झारखंड
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  • ठेकेदार और मिस्त्री को कई बार दी गई सूचना, नहीं हुई मरम्मत

विश्वजीत कुमार रंजन

बिशुनपुरा (गढ़वा)। पतिहारी पंचायत के देगुड़वा गांव में जलमीनार महीनों से खराब पड़ा है। इससे गांव के लोगों को पीने के पानी की परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले तो हर घर में पानी की व्यवस्था हो रही थी। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग दूर-दराज के हैंडपंप और तालाब से पानी लाने को मजबूर हैं।

ग्रामीण अमरनाथ सिंह, गोपाल सिंह, सोमारु सिंह, सूरजदेव सिंह, बाबूलाल, हरिहर प्रसाद यादव, राहुल सिंह, कुंदन यादव, सोहराय सिंह सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि कई बार ठेकेदार और मिस्त्री को मीनार के खराब होने की जानकारी दी गई। हालांकि आज तक मरम्मत नहीं की गई।

प्रशासन से लगाई गुहार

गांव के लोगों ने प्रखंड प्रशासन और वरिष्ठ पदाधिकारियों से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द जल मीनार की मरम्मत कराई जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके।

जिला परिषद ने कहा

जिला परिषद सदस्य शम्भूराम चंद्रवंशी ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। संबंधित एजेंसी को निर्देश दिया गया है कि जल्द मरम्मत कार्य कर जलापूर्ति बहाल की जाए। किसी भी हाल में लोगों को पानी के लिए परेशान नहीं होने दिया जाएगा।  उन्‍होंने कहा कि कई बार पीएचडी विभाग के अधिकारि‍यों को बिशुनपुरा प्रखंड अंतर्गत की जल की समस्या से अवगत कराया है। हालांकि किसी ने ध्‍यान नहीं दिया।

अंतिम सांसें ले रही

प्रखंड प्रमुख ने कहा कि प्रखंड में जल जीवन मिशन के तहत लगे लगभग सारे जलमीनार चालू होने से पहले ही अंतिम सांसे ले रही है। अनुमंडल पदाधिकारी से लेकर विभागीय मंत्री तक कई बार प्रखंड में व्याप्त पेयजल की समस्या से अवगत कराया गया, परंतु हमेशा निराशा हाथ लगी है। सरकार की यह सबसे विफलतम योजनाओं में से एक साबित हुई है।

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