सीसीएल की सीएसआर परियोजना ‘नन्हा सा दिल’ का शुभारंभ, झारखंड के ये पांच जिले होंगे लाभांवित

झारखंड
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  • हर बच्चे को स्वस्थ दिल के साथ जीवन शुरू करने का अधिकार : नीलेंदु कुमार सिंह

रांची। कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल के सीएमडी नीलेंदु कुमार सिंह ने एक महत्वकांक्षी परियोजना ‘नन्हा सा दिल’ का शुभारंभ 23 मई को किया। इस दौरान निदेशक (मानव संसाधन) हर्षनाथ मिश्र एवं कई विभागाध्यक्ष भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर सीसीएल सीएमडी ने कहा कि हर बच्चे को स्वस्थ दिल के साथ जीवन शुरू करने का अधिकार है। सीसीएल परिवार जन्मजात हृदय रोग के प्रति जागरुकता और उपचार के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। उस दिशा में यह परियोजना एक सार्थक पहल है।

इस परियोजना की शुरुआत रामगढ़ जिले के सात महीने के बच्चे अभिराज महतो और आठ वर्षीय बच्ची बिदिया कुमारी की स्क्रीनिंग से हुई। वे अपनी मां के साथ कार्यक्रम में उपस्थित थे।

इस परियोजना के तहत सीसीएल द्वारा प्रदत सुसज्जित मोबाइल वैन के माध्यम से गांव-गांव में बच्चों की नि:शुल्क स्क्रीनिंग और निदान की जाएगी। जिन बच्चों में जन्मजात हृदय रोग की पुष्टि होगी, उनका इलाज पूरी तरह से नि:शुल्क किया जाएगा। इलाज के बाद तीन बार तक मरीज के साथ परिजनों को चेकअप के लिए हॉस्पिटल आने-जाने तक का खर्च सीसीएल द्वारा वहन किया जाएगा।

सीसीएल सीएमडी नीलेंदु कुमार सिंह और निदेशक मानव संसाधन हर्ष नाथ मिश्र ने ‘नन्हा सा दिल’ परियोजना के तहत गांव-गांव तक चलने वाली जांच वैन को विधिवत पूजा अर्चना और हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

श्री सत्य साई हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट के साथ मिलकर सीसीएल ने इस महत्वाकांक्षी सीएसआर परियोजना को शुरू किया है। इस परियोजना का उद्देश्य झारखंड के लातेहार, हजारीबाग, रामगढ़, गिरिडीह और पलामू जिले में जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की मुफ्त जांच कर निदान और उपचार प्रदान करना है।

बताते चलें कि वर्ष, 2024 में कोल इंडिया ने इसी परियोजना की शुरुआत चतरा, रांची और बोकारो जिले में की थी। यहां अब तक 300 सफल सर्जरी की जा चुकी हैं और 65,000 बच्चों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। इस परियोजना का विस्तार सीसीएल के सभी आठ परिचालन जिलों में हो चुका है।

परियोजना अवधि  :  2 साल
परियोजना की लागत : 9.54 करोड़

लक्षित लाभार्थी

  • 45,000 बच्चों की जांच सरकारी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में की जाएगी। मामूली मामलों का इलाज दवाओं द्वारा किया जाएगा।
  • 1,500 बच्चों को ईसीएचओ और एडवांस टेस्ट के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
  • 500 बच्चों को श्री सत्य साई हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट के रायपुर या अन्य तीन ट्रस्ट अस्पतालों में जन्मजात हृदय रोग सर्जरी के लिए भेजा जाएगा।

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