कृषि विश्वविद्यालय ने आगामी खरीफ शोध की तैयारी शुरू की

कृषि झारखंड
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  • खरीफ शोध कार्यक्रम सही समय पर पूरा करने का निर्देश

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के डायरेक्टर रिसर्च डॉ ए वदूद ने शनिवार को विभिन्न शोध परियोजनाओं से जुड़े और कार्यरत वैज्ञानिकों की ऑनलाइन वर्चुअल बैठक की। मौके पर डॉ वदूद ने कहा कि लगातार दूसरे वर्ष बेहतर प्री मानसून वर्षा कृषि कार्य के लिए कल्याणकारी है। अगले कुछ दिनों तक प्री मानसून बरकरार रहने की स्थिति खरीफ  खेती के लिए बेहतर अवसर साबित हो सकती है।

डायरेक्‍टर रिसर्च ने कहा कि बीएयू कुलपति डॉ ओएन सिंह ने खरीफ के सभी शोध कार्यक्रमों को ससमय पूरा करने का निर्देश दिया है। इस बाबत विवि के अधीन तीन संकायों में कार्यरत सभी विभाग एक सप्ताह के अंदर ऑफलाइन या ऑनलाइन माध्यम से रिसर्च एंड बजट की बैठक पूरी करें। हर विभाग इस अवधि में खरीफ रिसर्च हाईलाइट निदेशालय को मुहैया करायें, ताकि विवि स्तर से आयोजित खरीफ रिसर्च कौंसिल की बैठक में रिसर्च कार्यक्रमों की उपयोगिता पर मंथन किया जा सके। साथ ही, आगामी खरीफ रिसर्च की रणनीति एवं कार्ययोजना का अनुमोदन काउंसिल से ली जा सके। कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए शोध गतिविधियों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया।

डायरेक्टर रिसर्च ने पूर्व वर्ष की भांति राज्य के तीनों क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों एवं शुष्क भूमि परियोजना के आगामी खरीफ शोध कार्यक्रमों को चलाने का निर्देश दिया। इन केंद्रों के एसोसिएट डायरेक्टर को रिसर्च एंड बजट की शीघ्र बैठक द्वारा खरीफ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर बल दिया। साथ ही सभी संसाधन मुहैया कराने की बात कही।

बैठक में मुख्यालय के शोध परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों को पिछले खरीफ मौसम के समान आगामी खरीफ शोध कार्यक्रमों में रिसर्च फील्ड का यथावत आवंटन बरकरार रखने की बात कही गयी। निदेशालय द्वारा खेत की जुताई एवं तैयारी में प्रयुक्त संसाधनों एवं खाद व बीज की उपलब्धता को प्राथमिकता एवं त्वरित समाधान की बात कही गयी।

बैठक का संचालन डिप्टी डायरेक्टर रिसर्च डॉ सीएस महतो ने किया। इसमें डॉ डीएन सिंह, डॉ सोहन राम, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ नीरज कुमार, डॉ नूतन वर्मा, डॉ कौशल कुमार, डॉ रविंद्र कुमार, डॉ सूर्य प्रकाश, डॉ प्रमोद रॉय एवं डॉ इरफान अंसारी सहित विभिन्न प्रोजेक्ट्स से जुड़े वैज्ञानिकों ने भाग लिया।