रेलवे बोर्ड के समक्ष फेडरेशन ने उठाई ट्रैक मेन्टेनर की समस्याएं

झारखंड
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  • पीएनएम बैठक रेल भवन नई दिल्ली में प्रारंभ
  • ईसीआरकेयू के प्रतिनिधि भी वार्ता में शामिल

धनबाद। रेलवे बोर्ड के साथ आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की दो दिवसीय पीएनएम बैठक रेल भवन नई दिल्ली में प्रारंभ हुई। बैठक में रेलकर्मियों के पक्ष का संचालन एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा कर रहे हैं। ईसीआरकेयू की ओर से महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष एसएसडी मिश्रा और धनबाद मंडल से अपर महामंत्री मो ज़्याऊद्दीन भाग ले रहे हैं। प्रशासनिक पक्ष की अध्यक्षता रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने की।

बैठक के पहले दिन ही श्री मिश्रा ने ट्रैक मेन्टेनर की विभिन्न समस्याओं को रखा। बताया कि कई वर्षों से फेडरेशन ट्रैक मेन्टेनर की अनेकों समस्याओं को प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करता रहा है। हालांकि सरकार और रेल मंत्रालय द्वारा अभी तक कुछ नहीं किया जाना काफी अफसोस जनक है। उन्होंने ट्रैक मेन्टेनर की विभिन्न मांगों को विस्तार से रखा और निराकरण की मांग की।

जोनल सेक्रेटरी ओपी शर्मा और मीडिया प्रभारी एनके खवास ने विभिन्न मांगों की जानकारी दी। जोखिम कार्य करने वाले विभिन्न कटेगरी के लिए रिस्क एलाउंस देने, रनिंग कर्मचारियों के किमी की 25 प्रतिशत वृद्धि और सिगनल स्टाफ के लिए कार्य रोस्टर बनाने आदि पर चर्चा जारी है।

इन मांगों को रखा

कीमैन के कार्य पद्धति का आधुनिकीकरण किया जाए।

की मैन की सुरक्षा की दृष्टिकोण से भारतीय रेलवे पी वे मैन्युअल में आवश्यक संशोधन करे।

कार्य के दौरान ट्रेन से रन ओवर से बचाव के लिए ट्रैक मेन्टेनर को रक्षक उपकरणों की आपूर्ति की जाए।

की मैन के लिए मेडिकल मानक को अपग्रेड कर ए-3 और इससे ऊपर किया जाए।

गेटमैन की तरह कीमैन को अतिरिक्त रिस्क एलाउंस दिया जाए।

सामान्य रूप से कीमैन की कार्य बीट 3 किमी तक रखा जाए एवं घुमावदार, गार्डर ब्रीज, कटिंग वाले ट्रैक पर कीमैन का कार्य बीट 2 किमी तक सीमित किया जाए।

ट्रेन आने की स्थिति में त्वरित प्रक्रिया करने के लिए दिए गए उपकरणों का वजन कम किया जाए।

की मैन और उच्च जिम्मेदारी वाले कार्यों को करने वाले ट्रैक मैन को 4200 ग्रेड पे दिया जाए।

नई कार्य प्रणाली के तहत कार्य कराने के पहले प्रशिक्षण दिया जाए‌।

व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

रात्रि ड्यूटी और कोहरे के मौसम में कार्य सम्पादित करने के लिए विशेष संरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।

वर्तमान में की मैन से 12 घंटो की ट्रैक ड्यूटी कराई जा रही है। संरक्षा के दृष्टिकोण से इसमें संशोधन किया जाना चाहिए।

एक साथ दो पेट्रोल मैन की ड्यूटी दी जाए।

समस्त ट्रैकमैन के कार्य परिस्थितियों में संशोधन की जाए।

मेट और कीमैन की डियूटी निर्धारित करने के समय ट्रैक मैन की वरीयता का ध्यान रखा जाए।

16 प्रतिशत ट्रैक मैन से निर्धारित ड्यूटी कराए जाने के बदले अन्यत्र जैसे कार्यालयों, स्टोर और आवासीय स्थलों पर ड्यूटी कराया जा रहा है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड के दिशा निर्देशों का उल्लंघन है। इस प्रचलन पर रोक लगा कर लाईन में कार्य करने वाले ट्रैक मैन पर अतिरिक्त कार्य बोझ को कम किया जाए।

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