- शुल्क समिति और अभिभावक शिक्षक संघ के गठन का दिया निर्देश
- स्कूल भवन या परिसर का व्यवसायिक उपयोग नहीं करने का आदेश
- मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक
रांची। उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर उप विकास आयुक्त दिनेश यादव की अध्यक्षता में गैर सहायता मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक 12 अप्रैल को आयोजित की गई। समाहरणालय ब्लॉक-बी स्थित कमरा संख्या-505 में आयोजित बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज, जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश कुमार सहित विभिन्न गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्य/प्रतिनिधि उपस्थित थे। स्कूलों को शुल्क समिति और अभिभावक शिक्षक संघ के गठन का निर्देश दिया गया।
बैठक में झारखंड गजट के आलोक में प्रत्येक विद्यालय में शुल्क समिति एवं अभिभावक शिक्षक संघ (पीटीए) के गठन के संबंध में सभी को पीपीटी के माध्यम से आवश्यक जानकारी प्रदान की गयी। साथ ही झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के अंतर्गत प्रावधानों की भी जानकारी दी गयी।
शुल्क समिति एवं पीटीए के गठन का निर्देश
उप विकास आयुक्त दिनेश यादव ने बैठक में उपस्थित गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों को बताया कि झारखंड एजुकेशनल ट्रिब्यूनल एक्ट के तहत विद्यालय और जिला स्तर पर फी कमेटी और अभिभावक शिक्षक संघ (पीटीए) का गठन किया जाना है। उन्होंने सभी स्कूलों को जल्द से जल्द शुल्क समिति और अभिभावक शिक्षक संघ के गठन का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि स्कूल, जिला एवं विद्यालय स्तर पर बनी शुल्क समिति और अभिभाव शिक्षक संघ के माध्यम से नीतिगत तरीके से नियमाकुल ही शुल्क बढ़ा सकते हैं।
व्यवसायिक उपयोग ना करने का निर्देश
बैठक के दौरान सभी को बताया गया कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम् 2017 के तहत स्कूल, विद्यालय भवन या संरचना या परिसर का उपयोग केवल शिक्षा के उद्देश्य के लिए ही करें। विद्यालय परिसर में स्थित कियोस्क से पुस्तक या अन्य सामग्री जैसे यूनिफॉर्म, जूते आदि खरीदने के लिए अभिभावकों/छात्रों को बाध्य/प्रेरित नहीं करें। उल्लंघन की स्थिति में पचास हजार से ढाई लाख तक का जुर्माना, इसके अतिरिक्त विद्यालय की मान्यता समाप्ति की कार्रवाई भी की जा सकती है।
सभी के सवालों का जवाब भी दिया गया
जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार द्वारा भी बैठक के दौरान झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी प्रदान की गयी। पदाधिकारियों द्वारा गैर सहायता मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के प्राचार्यों/प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब भी दिया गया। जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने सड़क सुरक्षा से संबंधित आवश्यक जानकारी देते हुए कहा कि सभी स्कूल प्रबंधन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें।
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