वादों के निस्तारण में अधिवक्ता व मध्यस्थों की भूमिका अहम : न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद

झारखंड
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  • राष्‍ट्रीय लोक अदालत में किया गया 1870657 वादों का निष्पादन
  • लंबित वाद 146918 व प्री-लिटिगेशन के 1723793 मामले शामिल

रांची। राष्ट्रीय लोक अदालत का वर्चुअल उद्घाटन झारखंड उच्च न्यायालय-सह-झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुजित नारायण प्रसाद ने रांची व्यवहार न्यायालय के कॉन्फ्रेंस हॉल से किया। उदघाटन कार्यक्रम में झालसा की सदस्य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना उपस्थित थीं। मुख्य अतिथि ने अधिक-से-अधिक वादों का निष्‍पादन लोक अदालत के माध्यम से करने पर जोर दिया।

न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने लोक अदालत को त्वरित और सुलभ न्याय का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व में राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन झालसा से होता था, आज व्यवहार न्यायालय से हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि मध्यस्थता के माध्यम से वादों का निस्तारण कर वादकारियों को लाभ पहुंचाना है, ताकि वादकारियों के धन व समय की बचत हो। उन्होंने व्यवहार न्यायालय में लगाये गये सभी स्टॉल का मुआयना भी किया।

न्‍यायमूर्त‍ि प्रसाद ने व्यवहार न्यायालय परिसर में खोले गये रिनोवेटेड पोस्ट ऑफिस कॉम्प्लेक्स  का फीता काटकर उदघाटन भी किया। कार्यक्रम के दौरान लोक अदालत में लाभुकों के बीच न्यायमूर्ति ने चेक का वितरण भी किया। न्यायमूर्ति, अन्य अतिथियों के द्वारा भी राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर लाभुकों के बीच चेक का वितरण किया गया। न्यायमूर्ति ने बनाये गये सभी बेंचों का भी अवलोकन किया।

न्यायायुक्त दिवाकर पांडे ने कहा कि वादों के निस्तारण का सुलभ माध्यम लोक अदालत है। पिछले वर्ष लंबित वादों के निस्तारण में हम लोग अव्वल रहे, यह गौरव की बात है।

रांची जिला बार एसोसएिशन के महासचिव संजय विद्रोही ने महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं। उन्होंने महिलाओं को हमेशा सम्मान देने की बातें कही।

रांची उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री ने कहा कि लोक अदालत एक मंच हैं, जहां गरीबों और असहाय लोगों के वादों का निस्तारण निःशुल्क होता है। उन्होंने सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाये जा रहे मईयां सम्मान योजना के बारे में विस्तार से बताया।

इस अवसर पर महिला अधिवक्ताओं एवं न्यायिक पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। स्कूलों के छात्राओं को डालसा द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं का पुरस्कार भी वितरित किया गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए झालसा द्वारा लगभग 294 बेंच का गठन किया गया था। लोक अदालत में 1870657 वादों का निष्पादन हुआ, जिसमें लंबित वाद 146918 और प्री-लिटिगेशन के 1723793 मामले शामिल हैं। साथ ही, 8085028598 करोड़ की राशि का सेटलमेंट हुआ।

सदस्य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना ने स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय एस. एस. फातमी, वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश-1, कुटुम्ब न्यायालय श्रीमती संजीता श्रीवास्तव समेत अन्य न्यायिक पदाधिकारी, व्यवहार न्यायालय के न्यायिक पदाधिकारी एवं सीनियर सुप्रिन्टेंडेंट पोस्ट ऑफिस, उदयभान सिंह, डॉ नितिन शरण उपस्थित थे। रांची जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शम्भु प्रसाद अग्रवाल भी अन्य अधिवक्ताओं के साथ उपस्थित थे।

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