- केन्द्र के क्रियाकलापों व अन्य मौसमीय उपकरणों के बारे में जानकरी ली
रांची। रांची मौसम केंद्र में विश्व मौसम दिवस 24 मार्च को काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इसका थीम ‘प्रारंभिक चेतावनी के अंतर को कम करना’ था। इस अवसर पर मौसम कार्यालय आम जनता के लिए सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक खुला रहा। आगंतुकों ने मौसम केन्द्र के हितू स्थित कार्यालय आकर केन्द्र के क्रियाकलापों व अन्य मौसमीय उपकरणों के बारे में जानकरी ली।
आगंतुकों को यह भी बताया गया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (पृथ्वी और विज्ञान मंत्रालय के अधीन) कृषि, सिंचाई, नौवहन, विमानन अपतटीय तेल अन्वेषण आदि जैसे मौसम संवेदनशील गतिविधियों के इष्टतम संचालन के लिए मौसम पूर्वानुमान की अद्यतन जानकारी प्रदान करता है। इसके साथ-साथ धूल भरी आंधी, भारी बारिश, बर्फ, ठंड और गर्मी की लहरें आदि जो जीवन और संपत्ति का विनाश करते हैं, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, नॉरवेस्टर्स आदि जैसी गंभीर मौसम की घटनाओं के खिलाफ चेतावनी भी देता है।। झारखंड में रांची मौसम विज्ञान केंद्र ही एकमात्र नोडल एजेंसी है, जो यह सब प्रदान करता है।
शहर के आसपास के विभिन्न विद्यालयों/महाविद्यालयों के लगभग 250 से अधिक छात्र-छात्रा व शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। रांची महिला महाविद्यालय के भूगोल संकाय के लगभग 60 से अधिक छात्र-छात्राओं व शिक्षकगण, झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लगभग 30 छात्र-छात्राओं, संत जेवियर कॉलेज के भूगोल संकाय के लगभग 50 और पर्यावरण विज्ञान के लगभग 85 छात्र-छात्रा व शिक्षकों ने मौसम केन्द्र का दौरा किया। मौसम के अद्यतन क्रियाकलापों की जानकारी ली।
इस अवसर पर बैनर के माध्यम से झारखंड के सापेक्ष में अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ों और अन्य मौसमीय उपकरणों की कार्य पद्धति को प्रस्तुत किया गया। कार्यालय प्रमुख डॉ बाबूराज पीपी, वैज्ञानिक-डी व अभिषेक आनंद, वैज्ञानिक-सी ने इस वर्ष के थीम पर तैयार विशेष पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिया। इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। सभी से वातावरण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान देने का आवाह्रन किया।
बताते चलें कि 23 मार्च, 1950 को विश्व मौसम विज्ञान संगठन की स्थापना होने के कारण हर वर्ष इस दिन विश्व मौसम संगठन द्वारा मौसम विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिन लोगों को वायुमंडल की रक्षा करने और उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करने के लिए भी मनाया जाता है।
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