राज्‍यपाल से विधायक ने की योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायत, कार्रवाई का आग्रह

झारखंड
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रांची। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से पांकी विधायक डॉ कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने राज भवन में 2 मार्च को भेंट की। विधायक ने पलामू जिले की विभिन्न योजनाओं में हुई अनियमितताओं के संबंध में अवगत कराते हुए विधिसम्मत कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा।

राज्यपाल को ज्ञापन के माध्यम से बताया कि मेसर्स सिलदिलिया कंस्ट्रक्शन्स, स्टेशन रोड, रेड़मा, वार्ड नं-15, डाल्टनगंज, पलामू द्वारा पांकी प्रखंड के अंतर्गत ढूब-छतरपुर मार्ग में निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो जाने के मामले में ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 23 जुलाई, 2021 को उच्चस्तरीय जांच दल का गठन किया गया था। मुख्यमंत्री के अनुमोदन से गठित जांच समिति को संयुक्त जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना था, लेकिन साढ़े तीन वर्षों के बाद भी यह प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया जा सका।

सहायक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमण्डल, डाल्टनगंज के (पत्रांक : 01, दिनांक: 13/01/2025) के द्वारा कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमण्डल, डाल्टनगंज को मेसर्स सिलदिलिया कंस्ट्रक्शन्स द्वारा की जा रही योजनाओं में अनियमितता के संबंध में पत्र लिखा गया। सहायक अभियंता के पत्र के आलोक में कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमण्डल, डाल्टनगंज के (पत्रांक: 93, दिनांक : 13/01/2025) के द्वारा संवेदक को पत्र लिखा गया, परन्तु स्थिति यथावत है।

ज्ञापन के माध्यम से यह भी अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III और एफडीआर योजना के तहत पलामू जिले में लिए गए 5 कार्यों की खराब स्थिति और अपूर्णता को लेकर उपायुक्त ने 13 दिसंबर 2024 को ग्रामीण कार्य विभाग को पत्र लिखा था। इसके बावजूद अब तक दोषी संवेदक के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

विधायक के मुताबिक ‘जल जीवन मिशन योजना’ के तहत निर्मित लघु पेयजलापूर्ति योजनाओं में भी गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। कार्यपालक अभियंता, मेदिनीनगर प्रमंडल के 6 नवंबर, 2024 के प्रतिवेदन के अनुसार, कुल 63 क्लस्टर सब-क्लस्टर योजनाओं में कई अपूर्ण कार्यों को पूर्ण दिखाकर भुगतान कर दिया गया है। क्लस्टर-86 में 1.80 करोड़ रुपये का कार्य दर्शाकर एफएचटीसी लक्ष्य 1302 के विरुद्ध 1305 पूर्ण दिखाया गया, जबकि एकरारनामे की राशि 4.718 करोड़ रुपये है। विधानसभा रिपोर्ट में 935 एफएचटीसी पूरा बताया गया है, जिससे विभागीय रिपोर्ट और वास्तविकता में भारी भिन्नता स्पष्ट होती है।

मनातू और तरहसी प्रखंडों में भी कई योजनाएं अधूरी हैं, लेकिन उन्हें 100 प्रतिशत पूर्ण दिखाकर भुगतान किया गया है। कई स्थानों पर बोरिंग नहीं हुआ, कुछ जगहों पर केवल नींव बनाई गई और कुछ अधूरी संरचनाएं छोड़ दी गईं। इसके कारण स्थानीय जनता अब भी शुद्ध पेयजल से वंचित है और दूषित जल पीने को मजबूर है।

राज्यपाल से विधायक डॉ कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने सभी मामलों की निष्पक्ष और गहन जांच कर दोषी संवेदकों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की पहल करने का आग्रह किया, ताकि ग्रामीण जनता को त्वरित न्याय मिल सके।

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