आईआईएम रांची : सर्टिफिकेट प्रोग्राम में बहुआयामी कौशल की मिली जानकारी

झारखंड
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  • पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेशन प्रोग्राम इन एडवांस जेनरल मैनेजमेंट का समापन

रांची। आईआईएम रांची में संचालित वार्षिक पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेशन प्रोग्राम (पीजीसीपी) इन एडवांस जेनरल मैनेजमेंट के दूसरे बैच का समापन 4 मार्च, 2025 को हुआ। दूसरे बैच की शुरुआत 31 मार्च,  2024 से हुई थी। पीजीसीपी में विभिन्न कार्यक्षेत्र से जुड़े दर्जनों प्रतिभागी शामिल रहे, जिन्हें शैक्षणिक सत्र के दौरान बहुआयामी कौशल और कार्यक्षेत्र में उपयोगी सिद्धांतों की जानकारी दी गयी।

प्रोग्राम के समापन सत्र में डीन एग्जीक्यूटिव एजुकेशन एंड कंसल्टेंसी प्रो अमित सचान, प्रोग्राम डायरेक्टर प्रो राजीव वर्मा और प्रो मनीष बंसल समेत अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे। संकाय सदस्यों ने प्रतिभागियों से वार्ता कर कोर्स के मूल्य और भविष्य में इसकी उपयोगिता पर चर्चा की । साथ ही प्रतिभागियों के समर्पण और शैक्षणिक प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को सराहा।

शैक्षणिक सत्र के समापन पर प्रोग्राम में शामिल प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। वार्षिक पाठ्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को उद्योग और प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी मिली। इसमें खासकर – प्रबंधकों में अर्थशास्त्र की समझ को विकसित किया गया। इनके अलावा उपभोक्ता के व्यवहार, व्यावसायिक रणनीति, फाइनांशियल एंड रिस्क मैनेजमेंट, मार्केटिंग मैनेजमेंट, ऑपरेशन एंड सप्लाई चेन मेनैजमेंट, डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन, डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन मैनेजमेंट, एनालिटिक्स एंड डिसिजन मेकिंग जैसे विषयों पर सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिये गये।

वहीं, बदलते दौर को देखते हुए न्यूरोमार्केटिंग स्ट्रैटेजी – तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उपभोक्ता व्यवहार का मूल्यांकन करने, स्ट्रैटेजिक कॉस्ट लीडरशिप और वार्षिक रिपोर्ट का तुल्नात्मक अध्ययन करते हुए पारंपरिक व्यावसाय को मॉडर्न बिजनेस में ढालने की तकनीक और नेतृत्वकौशल की समझ को विकसित किया गया।

पीजीसीपी में शामिल प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किये। प्रतिभागियों ने कहा कि कोर्स से मिले मैनेजमेंट सिद्धांत, लीडरशिप स्ट्रैटेजी और डिसिजन मेकिंग फ्रेमवर्क का इस्तेमाल आने वाले समय में जटिल व्यावसायिक रणनीतियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। वहीं, कोर्स में शामिल इंटरएक्टिव लर्निंग मेथडोलॉजी, केस स्टडी आधारित चर्चा और उसके वास्तविक युग में उपयोगिता की संभावना और अनुप्रयोग को प्रबंधकीय दृष्टिकोण से समृद्ध करेंगे।

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