जल संरक्षण के प्रयास नहीं हुए, तो होगी पानी की भारी किल्लत : राजश्री अपर्णा कुजूर

झारखंड
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खूंटी। आज दुनिया भर में विश्व में विश्व जल दिवस मनाया जा रहा है। झालसा के निर्देश व खूंटी जिले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष रसिकेस कुमार के मार्गदर्शन में मुरहू के कोलोम्दा गांव में विश्व जल दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर, पैनल अधिवक्ता मदन राम गौंझू, सेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष अजय शर्मा, ग्रामप्रधान अर्जुन मुंडा मुख्य रूप से शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जल संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग पर जागरुकता बढ़ाना है। डालसा सचिव ने लोगों को जल संकट की गंभीरता को समझाया। इसे बचाने के लिए कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

बोरीबांध की सांकेतिक शुरुआत

कालोम्दा गांव के जंगलों के बीच से होकर बहने वाली बनई नदी पर विश्व जल दिवस को बोरीबांध का निर्माण करना था। सारे लोग जुटे भी, लेकिन बारिश के कारण नदी का बहाव काफी तेज हो गया है। इस कारण बोरीबांध बनाने के कार्यक्रम को स्थगित किया गया। जल्द ही यहां बोरीबांध बनाया जाएगा। हालांकि विश्व जल दिवस को बोरीबांध निर्माण की सांकेतिक शुरुआत डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर और पैनल अधिवक्ता मदन राम गौंझू ने की, लेकिन बोरीबांध नदी का जलस्तर घटने के बाद बनाया जाएगा।

बूंद भर पानी की कीमत समझें

नदी तट पर आयोजित कार्यक्रम में डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर ने कहा कि अगर जल संरक्षण के प्रयास नहीं किए गए, तो आने वाले वर्षों में कई क्षेत्रों में पेयजल की भारी किल्लत हो सकती है। आज विश्व जल दिवस है, इसलिए एनजीओ सेवा वेलफेयर सोसाइटी के साथ डालसा बोरीबांध निर्माण कार्य में पहुंची है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण व संचयन के लिए बोरीबांध का निर्माण सेवा वेलफेयर सोसाईटी ने शुरू किया है, जिसके साथ आज डालसा भी मिलकर काम कर रहा है। इसका उद्देश्य लोगों में जागरुकता लाना है, ताकि लोग एक बूंद पानी की कीमत भी समझें। जल संरक्षण के लिए आगे आएं।

गड्ढ़ा खोदकर पानी पी लेते थे

मौके पर पैनल अधिवक्ता मदन राम गौंझू ने कहा कि विश्व जल दिवस 2025 ‘ग्लेशियर संरक्षण’ थीम पर केंद्रित है, जो दुनियाभर के ग्लेशियरों को बचाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। ग्लेशियर पृथ्वी के जल चक्र को संतुलित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि अब भूगर्भीय जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। इसे लेकर हमें चिंता करना चाहिए। आलम यह है कि पहले हम कहीं भी गड्ढ़ा खोदकर पानी पी लेते थे, लेकिन अब बोतल और जार में भरे पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। मदन गौंझू ने लोगों से जल संरक्षण के लिए जंगल और पर्यावरण को भी बचाने का आह्वान किया।

ग्राम प्रधान सहित ये भी मौजूद

इस मौके पर ग्राम प्रधान अर्जुन मुंडा, पंचायत सचिव महाबीर महतो, दुर्गा भेंगरा, देवेंद्र सिंह, जल सहिया सलोमी मुंडू, ग्रामपंचायत सदस्य इंद्रावती देवी, मुनेश्वरी देवी, बसंती देवी, पौलुस बोदरा, जुलशन ढ़ोढ़राय, मानसिद बोदरा, संजय ढ़ोढ़राय, विलियम बोदरा, दिलीप सिंह, दयामनी भेंगरा समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।

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