कोयला उत्पादन की वर्तमान प्रक्रिया मजदूर विरोधी : तपन सेन

झारखंड
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  • ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन का तीन दिवसीय सम्मेलन शुरू

रांची। सीटू के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व सांसद तपन सेन ने कहा कि मजदूरों के दुश्मन नरेंद्र मोदी नहीं हैं। पूंजीवाद है। मोदी के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी भी पूंजीवाद की कठपुतली थे। मजदूरों को पूंजीवाद के खिलाफ लड़ाई लगने की जरूरत है।

श्री सेन शुक्रवार को कामरेड बासुदेव आचार्या नगर (सीएमपीडीआई कैंपस) में शुरू हुए ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के तीन दिन सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इसमें असम, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना से आये सीटू से संबद्धता प्राप्त 23 यूनियनों के 320 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

श्री सेन ने कहा कि कोयला उत्पादन की प्रक्रिया रिस्ट्रक्टरिंग मोड में चल रही है। यह रिस्ट्रक्चर मजदूर विरोधी है। धीरे-धीरे उत्पादन से नियमित मजदूरों को दूर किया जा रहा है। अब कंपनी में 80 फीसदी उत्पादन ठेका मजदूरी से हो रही है। स्थिति चुनौतीपूर्ण है। चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए सड़क पर उतरना होगा।

श्री सेन ने कहा कि कोयला में एमडीओ और रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल आ गये हैं। इसमें कोल इंडिया की भूमिका भी सीमित कर दी गयी है। ऐसे में कोयला मजदूरों को आगे की रणनीति तय करनी होगी। आरपार की लड़ाई लड़नी होगी। ठेका मजदूरों को संगठित करना होगा।

सम्मेलन की शुरुआत फ़ेडरेशन के अध्यक्ष जीके श्रीवास्तव द्वारा झंडातोलन से हुई। दिवंगत साथियों को याद कराते हुए एक मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद स्वागत समिति के अध्यक्ष विश्वजीत देब ने झारखंड के इतिहास और गौरवशाली परंपरा को सामने रखा। यहां मजदूर वर्ग के संघर्षों के इतिहास को दुहराया गया। सम्मेलन में पूरे देश से आये 320 प्रतिनिधियों का स्वागत किया। साथ ही केंद्र सरकार के द्वारा लेबर कोड को लागू करने के योजना के विरोध में 20 मई 2025 की हड़ताल को सफल बनाने के लिए करो या मरो का आह्वान किया।

इसके बाद ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव ने अपनी रिपोर्ट रखी। उसपर चर्चा शुरू हुई, जो अगले दो दिन चलेगी। 30 मार्च को नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा।

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