जागरुकता शिक्षा से आती है, इसलिए यह जरूरी है : न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद

झारखंड
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  • राज्य स्तरीय विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन

बोकारो। झालसा के तत्वावधान में डालसा, बोकारो ने जिला प्रशासन के सहयोग से आदिम जनजातियों एवं समाज के कमजोर वर्गों के लिए राज्य स्तरीय विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन 1 मार्च, 2025 को किया। डीएवी फुटबॉल ग्राउंड, चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन के नजदीक, चंद्रपुरा में कार्यक्रम हुआ।

कार्यक्रम का उद्घाटन झारखंड उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश सह झालसा के कार्यकारी अध्‍यक्ष न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद एवं अन्य गणमान्य द्वारा किया गया। इस अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश सहित झालसा की सदस्‍य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना, उपायुक्‍त सुश्री जाधव विजया नारायण राव, पुलिस अधीक्षक, प्रशासनिक पदाधिकारी, दामोदर घाटी निगम एवं उनके पदाधिकारी, बोकारो स्टील प्लांट एवं उनके पदाधिकारी, पुलिस सुरक्षा बल,  पंचायत प्रतिनिधि,  सामाजिक संगठन, लाभुक,  पीएलवी एवं अन्य भी उपस्थित थे।

झारखंड उच्‍च न्‍यायालय के न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कमजोर वर्गों को ना सिर्फ विधिक सहायता, बल्कि सशक्तिकरण धरातल पर कैसे हो, की अवधारणा हो। व्यक्ति के मौलिक अधिकार, नीति निर्देशक तत्व का समावेषण देखने को मिला। अशिक्षा और गरीबी समान अवसर नहीं मिल पाने के कारण है। योजनाओं का वितरण कर सभी लोगों के बीच समान अवसर है। महिलाओं के सशक्तिकरण करने का सार्थक प्रयास सराहनीय है।

न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि सरकारी स्कूल लोगों के कल्याण के लिए है। जीवन जीने के लिए रोटी, कपड़ा, मकान की जरूरत है। एक मुट्ठी आसमान जो नालसा का थीम सॉन्ग है, को साकार एवं आपको हमको जागरूक करना है। बच्ची को जन्म से पहले और बाद में कैसे स्वस्थ रखें। समाज, राज्य, देश आगे बढ़े। स्कूल को अंतिम व्यक्ति तक पहुंच बनाना, शिविर का उद्देश्य है। महिलाओं का 50% सशक्त होंगे तो महिलायें बहुत आगे जाएंगी। घर आगे बढ़ेगा, तो समाज, राज्य और देश बढ़ेगा।

न्‍यायाधीश ने कहा कि विधिक सहायता और सरकारी योजनाओं से अवगत कराएं। बिरहोर, पहाड़ियों को मुख्य धारा से कैसे जोड़ें। तभी एक मुट्ठी आसमान, हक हमारा भी तो है, को पूर्ण कर पाएंगे। हम सती प्रथा, बालश्रम इन सभी से ऊपर आ चुके हैं। हालांकि आज भी डायन प्रथा है। इससे कैसे ऊपर उठें इसकी जागरुकता की आवश्यकता है। जागरुकता शिक्षा से आती है, इसलिए शिक्षा जरूरी है। पढे-लिखे डॉक्टर के पास जाएं। घटना की जानकारी पीएलवी को दें।

स्वागत भाषण झालसा की सदस्‍य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना ने दिया। इस विधिक सेवा-सह-सशक्तिकरण शिविर में झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों, सीसीएल, डीवीसी और बैंकों के लगभग 25 स्टॉल भी लगाए गए थे। न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने स्टॉल का भ्रमण भी किया।

इस अवसर पर कुल 2,00,439 लाभुकों के बीच कुल 1654451716 रुपये की परिसंपतियों का प्रत्यक्ष एवं आभासी माध्यम से वितरण भी किया गया।

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