- शिक्षकों के साथ अभिभावकों के समन्वित प्रयास से शिक्षा को मिलता है सही आयाम
रांची। कांके रोड के गांधीनगर स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के जूनियर विंग में एलकेजी एवं यूकेजी के नवागंतुक छात्रों के लिए ‘अभि संस्करण’ कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इस आयोजन में बच्चों के साथ अभिभावक भी वैदिक यज्ञ, आशीर्वाद एवं संस्कार कार्य में सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर अभिभावकों को डीएवी की मान्यताओं एवं उद्देश्यों से परिचित कराया गया।

स्कूल के प्राचार्य प्रदीप कुमार झा ने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर ही उनका मूल्यांकन नहीं करें। उनके आचरण, उनकी भाषा, व्यवहार आदि भी देखें। आज देश को ऐसे नागरिकों की आवश्यकता है, जिनमें ज्ञान, विज्ञान, कला, व्यापार आदि के साथ चरित्र, संस्कार, अनुशासन, संवेदनशीलता और देशभक्ति जैसे गुण हों। हमारा देश चरित्र प्रधान रहा है। शिक्षा के साथ चरित्र का समन्वय योग्य नागरिकों को जन्म देता है। यह मानवता की कसौटी भी है।
श्री झा ने आगे कहा कि अभिभावकों का कर्तव्य है कि अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सतत प्रयासरत रहे। शिक्षकों के साथ बराबर संपर्क बनाए रखें। बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराने पर अभिभावकों का उत्तरदायित्व और भी बढ़ जाता है। उन्हें माता-पिता आदि के साथ शिक्षक की भी भूमिका निभानी पड़ती है।
वही शिशु विहार की प्रभारी डॉ जया जयसवाल ने बच्चों के प्रति अभिभावकों को उनका कर्तव्य समझाया। उन्होंने कहा कि जब माता-पिता अपने बच्चों के सामने आदर्श रूप स्थापित करेंगे, तब निश्चय ही छात्रों में आदर्श गुण विकसित होंगे। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के खानपान, पहनावे, व्यवहार आदि पर ध्यान दें।
इस अवसर पर अभिभावकों ने भी अपने विचारों से अवगत कराया। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर रिलेशंस के निदेशक समाजसेवी आशुतोष द्विवेदी उपस्थित थे।
इस अवसर पर कक्षा केजी की शिक्षिका तनुजा सिन्हा, स्नेहा, निशा वर्मा, सीमा जैन, अर्पणा शर्मा, निधि सिन्हा, अणिमा सिंहा, रंजना, शताब्दी चटर्जी, लेखा मजुमदार ने परिचय सत्र के दौरान अभिभावकों से बातचीत की। कार्यक्रम का संचालन रजनी सिंह ने किया।