महाकुंभ में श्री श्री तत्‍त्‍व ने 250 टन खाद्य सामग्री का किया वितरण

उत्तर प्रदेश देश
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प्रयागराज। महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक महान केंद्र है, इस बार एक विशेष आयोजन के साथ और भी खास बन गया। आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित “मेडिटेट विद गुरुदेव फ्रॉम महाकुंभ” कार्यक्रम ने महाकुंभ नगरी के अद्भुत वातावरण में एक नई ऊर्जा का संचार किया है।

मंगलवार शाम 8 बजे महाकुंभ की पवित्र भूमि से गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने दुनिया भर के लाखों लोगों को लाइव निर्देशित ध्यान कराया। यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग के निःशुल्क आधिकारिक ध्यान ऐप ‘सत्त्व’ और गुरुदेव के यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किया गया, जिससे 180 देशों से भक्त और साधक जुड़े।

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर के मार्गदर्शन में इस आयोजन ने एक आध्यात्मिक संजीवनी प्रदान की। गुरुदेव ने इस अवसर पर ध्यान और साधना के माध्यम से मानवता को एकता, शांति और करुणा का संदेश दिया। गुरुदेव ने कहा, “कुंभ पर्व का सार है अपने भीतर की पूर्णता को जानना और वह केवल तभी हो सकता है जब ज्ञान, भक्ति और कर्म एक साथ हों। यहां जो गंगा बह रही है वह जान का प्रतीक है, यमुना भक्ति का प्रतीक है और  सरस्वती जो अदृश्य है, वह कर्म का प्रतीक है।”

मंगलवार की सुबह गुरुदेव फिर से एक बार संगम तट पर पवित्र त्रिवेणी स्नान करने पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने प्रयागराज के प्रसिद्ध बड़े हनुमान जी के दर्शन भी किये। वसंत सप्तमी के अवसर पर गुरुदेव के सान्निध्य में आर्ट ऑफ लिविंग कैंप में रूद्र पूजा और सूर्य सूक्त होम का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षकों ने भी गुरुदेव से मिलकर आशीर्वाद प्राप्त किया। सोमवार की सत्संग संध्या पर जूना अखाड़े के नागा साधु-संतों सहित कई अन्य गणमान्य लोगों ने गुरुदेव से मुलाकात की।

महाकुंभ मेले में गुरुदेव की ओर से कई विशेष आयोजन किए गए हैं, जिनमें श्रद्धालुओं के लिए लगातार खाने-पीने की व्यवस्था, आयुर्वेदिक दवाइयों और निःशुल्क नाड़ी परीक्षण जैसी सेवाएं दी जा रही हैं। आर्ट ऑफ लिविंग कैंप में कुंभ में स्नान के लिए आने वाले लगभग 25,000 से 30,000 श्रद्धालुओं के लिए  प्रतिदिन 2 बार एक टन खिचड़ी तैयार की जा रही है।

इसके अलावा श्री श्री तत्त्व के 8 अनुभवी नाड़ी वैद्य, प्रतिदिन 500 श्रद्धालुओं को निःशुल्क नाड़ी परीक्षण परामर्श भी दे रहे हैं। महाकुंभ के सभी 25 सेक्टरों के अखाड़ों और कल्पवासी क्षेत्रों के लाखों साधु संतों और तीर्थयात्रियों के लिए श्री श्री तत्त्व के माध्यम से 250 टन खाद्य सामग्री का वितरण भी किया जा रहा है, जिसमें घी, मसाले, दालें और बिस्किट जैसी चीजें शामिल हैं।

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