- किसानों और ग्रामीणों को होगा दीर्घकालिक लाभ
हजारीबाग। एनटीपीसी केरेडारी कोल माइनिंग परियोजना ने अपने निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत परियोजना प्रभावित गांवों मनातू, तरेहसा, उरदा, बेंगवारी, बालदेवरी और लोचर में 1000 फलदार पौधों का वितरण किया। इनमें आम, शरीफा, नींबू, अमरूद और लीची के पौधे शामिल हैं, जो आने वाले वर्षों में किसानों और स्थानीय ग्रामीणों के लिए आय का नया स्रोत बनेंगे। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और सतत कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई।
प्रबंधन ने कहा कि यह पहल ना केवल हरित आवरण को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि किसानों को उनके कृषि कार्यों में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी। एनटीपीसी केरेडारी ने किसानों को वर्मीकम्पोस्ट का भी वितरण किया। उन्हें बेहतर खेती एवं पौधरोपण तकनीकों पर एक विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया। इस प्रशिक्षण में मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, जैविक खेती अपनाने और पौधों की उचित देखभाल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
एनटीपीसी केरेडारी परियोजना के प्रमुख शिव प्रसाद ने बताया कि यह एक दीर्घकालिक परियोजना है। इसका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने स्थानीय किसानों और युवाओं से भी इस अभियान से जुड़ने की अपील की, जिससे भविष्य में यह और अधिक सफल हो सके।
स्थानीय ग्रामीणों ने इस पहल के लिए एनटीपीसी केरेडारी का आभार व्यक्त किया। आशा जताई कि यह पहल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी। उनके गांवों को हरियाली से भर देगी।
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