बैद्यनाथ धाम पहुंची अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद की महासंगम यात्रा

झारखंड धर्म/अध्यात्म
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  • भजन कीर्तन और ज्योतिर्लिंग के रुद्राभिषेक के दौरान भोले शंकर के जयकारों से गूंजा परिसर

देवघर। अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद और भगवा ऐप द्वारा आयोजित पवित्र  महासंगम यात्रा के तहत 27 जनवरी को देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम पहुंची। इस पवित्र महासंगम यात्रा का संयोजन परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री एवं एवीपीएल इंटरनेशनल के चेयरमेन दीप सिहाग सिसाय कर रहे हैं। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालु ने भाग ले रहे हैं। बैद्यनाथ धाम पहुंचने पर परिषद के महामंत्री दीप सिहाग सिसाय ने यात्रा के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर साथ लाए गए शिव मूर्ति और शिव लिंग का रुद्राभिषेक किया। इसके बाद संध्या आरती का आयोजन किया गया। साथ ही, भक्तों द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। शिव भजनों से पूरा बैद्यनाथ धाम भक्तिभय हो गया।

28 जनवरी को यात्रा के दौरान दीप सिहाग सिसाय ने बैद्यनाथ धाम में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग का रुद्राभिषेक किया। यात्रा के दौरान 12 त्रिशूलों का भी पूजन किया गया। इसके आलावा महाकुंभ प्रयागराज में स्थित महामंडलेश्वर स्वामी दयानंद सरस्वती के आश्रम में 108 त्रिशूलों का पूजन 108 पंडितों द्वारा सुबह और संध्या को किया जा रहा है। यह पूजन 30 दिन की इस यात्रा के दौरान लगातार जारी रहेगा।

इस पवित्र महासंगम यात्रा का आयोजन एवं समर्थन भगवा ऐप द्वारा दिया जा रहा है। यह भारत के सभी मंदिरों और धार्मिक अनुष्ठानों सहित मंदिरों के पुजारियों को एक डिजिटल मंच देती है। इस यात्रा में हर शहर से यात्रा सेवक जुड़ रहे हैं। इनके माध्यम से भारी संख्या में हिन्दू सेवकों को जोड़ा जा रहा है, जोकि बतौर परिषद के वॉलंटियर के रूप में कार्य करेंगे। इसके आलावा मंदिरों से जुड़े पूजा सामग्री बेचने वाले छोटे और बड़े दुकानदारों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराया जा रहा है। प्राचीन मंदिरों की सफाई, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, महिला सशक्तिकरण और डिजिटल मन्दिर प्रबंधन पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश यादव ने बताया कि इस यात्रा के माध्यम से परिषद का लक्ष्य 1 लाख वॉलंटियर को जोड़ने का है। वे देशभर में धार्मिक स्थलों को पुनः जीवित करेंगे। मंदिरों के लिए आवश्यक कार्यों को अंजाम देंगे। मंदिरों को डिजिटल रूप से भी विकसित किया जाएगा, ताकि धार्मिक पर्यटन डिजिटल किया जा सके। देश की प्राचीन धरोहर को बड़े टूरिज्म में बढ़ावा मिल सके।

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