उत्तर प्रदेश। बड़ी खबर उत्तर प्रदेश के संभल से आई है, जहां 24 नवंबर को भड़की हिंसा के बाद अब बाहरी लोगों प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। इस बाबत जिला प्रशासन ने बाहरी लोगों के 10 दिसंबर तक रोक लगाने का आदेश जारी किया है।
डीएम राजेंद्र पेसीया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति, कोई सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि जिले की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना 10 दिसंबर 2024 तक प्रवेश नहीं करेंगे।
संभल के शाही जामा मस्जिद सर्वे को लेकर रविवार 24 नवंबर को भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद संभल में हालात तनावपूर्ण थे।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के शांतिपूर्ण आयोजन के बाद प्रशासन की ओर से इंटरनेट बहाल कराया गया। हालात के पूरी तरह सामान्य होने तक प्रशासन ने किसी प्रकार का जोखिम न लेने की बात कही है।
संभल हिंसा के बाद राजनीति खूब हो रही है। सपा का प्रतिनिधिमंडल घटना की जानकारी के लिए संभल का दौरा करने वाला था। प्रशासनिक आदेश के बाद पार्टी की ओर से इसका विरोध किया गया है।
सपा की ओर से कहा गया है कि संभल हिंसा की जांच के लिए बनाए गए सपा प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं के घरों पर सरकार ने पुलिस तैनात कर दिए हैं।
उन्हें संभल जाने से रोकना घोर निंदनीय एवं अलोकतांत्रिक है। भाजपा सरकार संभल हिंसा का सच छिपा रही है। सपा प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने की अनुमति दी जाए।
संभल जिला अदालत के आदेश के बाद से शहर में तनाव की स्थिति है। जिला अदालत ने 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद-हरिहर मंदिर केस में कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर जांच का आदेश दिया था।
कोर्ट के आदेश के दो घंटे के भीतर ही कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद की जांच की। इसके बाद रविवार 24 नवंबर को दूसरी बार जब टीम सर्वेक्षण के लिए गई तो बवाल मच गया। लोगों को भड़का कर पुलिस पर पथराव करा दिया गया।
संभल जिला कोर्ट की ओर से सर्व का आदेश उस याचिका पर दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था।
मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी थी तथा 25 अन्य घायल हो गए।