स्‍कूल की गर्मी छुट्टी में 8 दिनों की कटौती, शिक्षकों में आक्रोश

झारखंड
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  • एकीकृत अवकाश तालिका जारी होते संघ ने जताई आपत्ति

रांची। स्‍कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने प्रदेश के प्राथमिक और मध्य विद्यालय सहित सहायता प्राप्त एवं उच्च विद्यालय की एकीकृत अवकाश तालिका वर्ष-2025 जारी किया है। इसमें 60 दिनों का अवकाश का जिक्र है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के मुताबिक इसमें व्यापक त्रुटि है। अवकाश तालिका को लेकर प्रदेश के शिक्षकों में काफी आक्रोश है। इस आदेश को स्वीकार करने में सीधे इंकार कर रहे है।

प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि संघ अवकाश तालिका का घोर विरोध करता है, क्योंकि ग्रीष्म अवकाश पूर्व में 20 दिनों का मिलता था, उसे घटकर 12 दिन कर दिया गया है। यह मान्य नहीं है। न्यायोचित नहीं है, क्योंकि शिक्षकों का अर्जित अवकाश के बदले ग्रीष्मावकाश दिया जाता है, जबकि अन्य राज्यकर्मियों को 33 दिन का अर्जित अवकाश देय है।

संघ की मांग है कि ग्रीष्म अवकाश नहीं देकर शिक्षकों के लिए अर्जित अवकाश घोषित किया जाए। उर्दू विद्यालय में अवकाश शुक्रवार को होता है। 8 दिनों का अवकाश शुक्रवार को भी लिस्ट में 60 दिनों में शामिल किया है। उर्दू स्कूल में मुहर्रम व शब-ए-बरात की छुट्टी नहीं दी गई है। महीना के तीसरा शनिवार 16 अगस्त और 15 सितंबर को भी अवकाश सूची में शामिल कर लिया है।

संघ के पदधारियों ने कहा कि अवकाश सूची में खामियों की भरमार है। स्थानीय संस्कृति का ख्याल नहीं रखा गया। प्रदेश के सभी जिलों में अलग-अलग स्थानीय पर्व और त्यौहार मनाये जाते हैं। इसलिए अवकाश उसी के मुताबिक होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर रांची जिले में टुसू परब एक प्रमुख त्यौहार है। इस दिन छुट्टी नहीं है। इसका बुरा असर ये होगा की उस दिन अधिकतम शिक्षक छुट्टी में रहेंगे। बच्चों की उपस्थिति दो दिनों तक नगण्य रहेगी।

संघ ने कहा कि ऐसा ही सभी जिलों में अलग-अलग स्थानीय पर्व होते हैं। ये एक बानगी भर है। लिस्ट में और भी कई प्रकार की खामियां है। 16 अगस्त को जन्माष्टमी के त्यौहार की छुट्टी दी गई है, जबकि उस दिन माह का तीसरा शनिवार है। इस दिन ऐसे ही छुट्टी रहती है। ऐसा ही 15 नवंबर को स्थापना दिवस के लिए एक दिन की छुट्टी दिखाई गई है। छुट्टी की संख्या में गिनती की गई, जबकि इस दिन भी तीसरा शनिवार है।

संघ के पदधारी के अनुसार गलती की संख्या इतनी ज्यादा है कि‍ लिस्ट बनाने वाले अगर शिक्षक होते तो शायद स्पष्टीकरण मांगी जाती। 20 अक्टूबर को मंगलवार तो 22 अक्टूबर को बुधवार दिखाया गया।

उर्दू स्कूल की छुट्टी सामान्य छुट्टी से कुछ कुछ स्थानों पर अलग होती है। इसे भी एकीकृत कर दिया गया है।

ब्यावहारिक और त्रुटिरहित अवकाश के लिए शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर लिस्ट बनानी चाहिए। प्रत्येक जिले के जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिस्ट बनाने का अधिकार देनी चाहिए। अवकाश सूची को लेकर विरोध करने वालों में अनूप केशरी, राममूर्ति ठाकुर, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद, असदुल्लाह, संतोष कुमार हरेकृष्ण चौधरी, बाल्मीकि कुमार, राजीव लोचन सिंह, श्रीकांत सिन्‍हा, उपेंद्र कुमार, राकेश कुमार, अनिल कुमार सिंह, अजय ज्ञानी, राजेश गुप्ता भी शामिल हैं।

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