रांची। द्वितीय इंडो-यूरोपीय सतह इंजीनियरिंग संगोष्ठी का आज भौतिकी विभाग, बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा में शुभारंभ हुआ। यह महत्वपूर्ण आयोजन भारत, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, अमेरिका और अन्य देशों के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और इंजीनियरों को एक साथ लाया है। यह संगोष्ठी 12 दिसंबर, 2024 को समाप्त होगी। लगभग 12 विशेषज्ञ अपनी अनुसंधान उपलब्धियों और उद्योग दृष्टिकोण को साझा करते हुए मुख्य व्याख्यान दे रहे हैं।
संगोष्ठी का उद्घाटन एक औपचारिक समारोह के साथ हुआ, जिसमें विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया। उद्घाटन भाषण डॉ. नरेश चंद्र मुर्मू (एफएनएई, एफएनएएससी, निदेशक, सीएसआईआर-सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, दुर्गापुर) द्वारा दिया गया। डॉ. मुर्मू ने सतह इंजीनियरिंग की संरचनात्मक अनुप्रयोगों, सामग्री संरक्षण, ऊर्जा भंडारण और स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों में तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
डॉ. आर.के. सिन्हा, विभागाध्यक्ष (भौतिकी विभाग, बीआईटी, मेसरा), ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया। कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सह योग के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। इंडो-यूरोपीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. मनीष रॉय और पुर्तगाल की यूनिवर्सिटी ऑफ कोयम्ब्रा से प्रो. अल्बानो कवलेइरो ने प्रेरक भाषण दिए। सत्र का समापन संगोष्ठी के संयोजक डॉ. ऋषि शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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