हरिद्वार। साहित्योदय के बैनर तले आहूत तीन दिवसीय शिवायन अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव सम्पन्न हो गया है। इसमें रांची सहित देश-विदेश के सैकड़ों साहित्यकार और कलाकार सम्मानित हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय विधायक मदन कौशिक ने किया। समापन पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने।
श्री कोश्यारी ने रचनाकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि साहित्योदय राष्ट्रचेतना का अलख जगाने का अभूतपूर्व कार्य कर रहा है। उन्होंने देशभर से आये रचनाकारों को सकारात्मक सृजन और भारतीय संस्कृति पर नवाचार करने की अपील की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हए प्रख्यात साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने काव्य लेखन और वर्तमान साहित्य पर रचनाकारों का दिशा निर्देश किया। विशिष्ट अतिथि आचार्य देवेन्द्र कुमार देव ने भाषा, शिल्प और प्रस्तुति पर विस्तृत मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम के पहले दिन विधायक मदन कौशिक ने हरिद्वार आये रचनाकारों से हरिद्वार पर सृजन करने की अपील की। उन्होंने साहित्योदय के इस आयोजन को अभूतपूर्व बताते हुए साहित्य के उत्थान के लिए हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया।
आयोजन में शिवायन महाकाव्य, सत्य साधना, गङ्गा, महक माटी की, लफ्ज़ मुसाफ़िर, अंगूठे की मौत, कथामाल्य, मन के अंगना में, दोहा दर्पण समेत कई पुस्तकों का विमोचन हुआ। काव्याभिषेक में प्रख्यात गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र, आचार्य देवेंद्र कुमार देव, वीणा शर्मा सागर, सुनील साहिल, पंकज प्रियम समेत सैकड़ों लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकारों ने काव्यपाठ किया।
मुख्य आयोजक साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने बताया कि राष्ट्रचेतना, भारतीय सभ्यता, साहित्य, संस्कृति और संस्कारों के पुनरुत्थान के लिए साहित्योदय अपनी स्थापना काल से ही कृतसंकल्प है। सनातन धर्मरक्षार्थ प्राचीन वेद ग्रन्थों को सरल सहज काव्य रूप में जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से बाबा बैद्यनाथ धाम में काव्याभिषेक, अयोध्या में जन रामायण, वृंदावन में कृष्णायण के पश्चात अब हरिद्वार में शिवायन महोत्सव का आयोजन किया गया।
जन रामायण और कृष्णायण कि भाँति शिवायन भी स्वयं में अद्भुत और अनूठा महाकाव्य ग्रंथ बनकर तैयार हुआ है, जिसमें देश-विदेश के 151 रचनाकारों ने शिव महापुराण के विभिन्न प्रसंगों पर मौलिक काव्यसृजन किया है। शिवायन दो खंडों में प्रकाशित हुई है। शिवायन सहित सारी पुस्तकें अमेजन, फ्लिपकार्ट समेत तमात ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहेंगी।
साहित्योदय नवोदित साहित्य प्रतिभाओं को वैश्विक मंच देने का काम कर रहा है और अबतक 3 हजार से अधिक लोगों को मंच प्रदान किया जा चुका है। दो हजार से अधिक ऑनलाइन आयोजन और दो दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है।
आयोजन को सफल बनाने में राकेश रमण, किशोरी भूषण, शोभा पाराशर, अर्चन झा, अनिल अग्रवाल, डॉ इंदु अग्रवाल, सुनील पराशर, सुशील झा, अनिता सोनी, हेमा आर्या, निशा अतुल्य, डॉ रजनी शर्मा, डॉ प्रियम्बदा मिश्रा, कीर्ति मेहता, सुदेष्णा सामन्त समेत समस्त साहित्योदय परिवार ने अपनी महती भूमिका रही।
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