- सौर ऊर्जा और एआई तकनीक के संयोजन से कम लागत में मिलेगी अधिक उत्पादकता
रांची। बीआईटी, मेसरा ने “सस्टेनेबल एनर्जी से स्मार्ट सिंचाई प्रबंधन प्रणाली” नामक अपने शोध एवं विकास परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परियोजना सीसीएल के सहयोग से वित्त पोषित की गई थी। इसका नेतृत्व बीआईटी के इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देबोमिता घोष ने किया।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कृषि को स्मार्ट खेती में बदलना था। स्वचालित और निरंतर फसल मापदंडों की निगरानी के माध्यम से किसानों को अधिक उपज और अधिक आय प्राप्त हो सके, यह परियोजना का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य था।
ग्रामीण और बिजली की कमी वाले क्षेत्रों में इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, इस प्रणाली में सौर ऊर्जा तकनीक का उपयोग किया गया है। साथ ही, खेतों में फील्ड सें सर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीकों के माध्यम से फसलों की निगरानी और प्रबंधन किया गया। यह प्रणाली उच्च उपज वाले फसल पैटर्न को बढ़ावा देने में मदद करती है।
यह परियोजना भारत सरकार के “स्मार्ट खेती” के उद्देश्य और “आत्मनिर्भर भारत” पहल का समर्थन करती है। इसमें उपयोग किए गए सभी उपकरण स्वदेशी रूप से निर्मित हैं। यह स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर परियोजना की प्रमुख डॉ. देबोमिता घोष ने कहा, “इस परियोजना के माध्यम से हमने कृषि क्षेत्र में स्वचालन, तकनीकी उन्नति और स्थिरता लाने का प्रयास किया है। सौर ऊर्जा और एआई तकनीक के संयोजन से किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादकता के लाभ मिलेंगे।”
बीआईटी, मेसरा की इस उपलब्धि से यह सिद्ध होता है कि संस्थान निरंतर नवाचार और शोध के माध्यम से राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे रहा है।
खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। सुविधा के अनुसार अन्य खबरें पढ़ सकते हैं।
आप अपने न्यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्टाग्राम, x सहित अन्य सोशल मीडिया के साथ-साथ सीधे गूगल हिन्दी न्यूज पर भी जुड़ सकते हैं। यहां भी खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।
हमसे इस लिंक से जुड़े
https://chat.whatsapp.com/F5cUgceY6g88N3vxrwAvdX