रांची। झालसा के निर्देश पर नालसा द्वारा संचालित बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाए योजना-2024 के अंतर्गत डालसा में बच्चों के लिए नवगठित कानूनी सेवा यूनिट के सदस्यों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ट्रेनिंग हॉल व्यवहार न्यायालय, रांची में 22 नवंबर, 2024 को किया गया। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय, अपर न्यायायुक्त-3 आनंद प्रकाश, अपर न्यायायुक्त -7 विशाल श्रीवास्तव, अपर न्यायायुक्त-4-सह-पोक्सो जज आसीफ ईकबाल, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश -2 (अतिरिक्त कुटुम्ब न्यायालय) राजेश कुमार सिंह, सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालमुकुंद रॉय, डालसा सचिव सहित नवगठित कानूनी सेवा यूनिट के सदस्यों के साथ-साथ अन्य उपस्थित थे।
प्रथम सत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अपर न्यायायुक्त-4-सह-पोक्सो जज मो. आसीफ ईकबाल ने उपस्थित सभी सदस्यों से मुखाबित हुए। उन्हें बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं नवसंचालित योजना-2024 सहित बच्चों से संबंधित विभिन्न कानूनी पहलुओं पर अपना मंतव्य रखा। प्रावधान के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया।
द्वितीय सत्र में जिला समाज कल्याण विभाग से उपस्थित सुपरवाईजर छवि पाठक एवं डीसीपीयू से उपस्थित सीमा एवं एन.यू.एस.आर.एल से उपस्थित एसोसिएट प्रोफेसर डॉ श्यामला कंडाडाई ने बच्चों के संदर्भ में कानूनी और नीतिगत ढांचों के बारे में प्रशिक्षण दिया। विभिन्न उदाहरणों के साथ बच्चों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार कर उनका विश्वास प्राप्त करके उनकी सहायता करने के बारे में बताया। बच्चों से संबंधित चल रही विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाएं और उनसे बच्चों को जोड़ने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया।
तृतीय सत्र में रांची सीडब्ल्यूसी के सदस्य उपस्थित थे। इनमें प्रियरंजन, विनय कुमार श्यामा एवं श्रीमति अंशुमाला थे। उन्होंने बच्चों से संबंधित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कार्रवाई और हस्तक्षेप, देखभाल और संरक्षण की जरूरत वाले बच्चों को कानूनी सेवाएं, सी.डब्ल्यू.सी. परिवार आधारित देखभाल, सी.सी.आई. अपराध के पीड़ित, गुमशुदा/तस्करी किए गए बच्चों और बाल श्रम से बचाए गए बच्चों के लिए पुलिस स्टेशन आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने प्रेमाश्रय, बालाश्रय एवं विभिन्न चाईल्ड देखभाल संस्थानों में वैसे बच्चे, जिनके माता-पिता या अभिभावक या उनकी सुध लेनेवाला अगर निर्धारित अवधि के भीतर उनके समक्ष उपस्थित नहीं होते है, तो वैसी स्थिति में वैसे बच्चों को उनकी देखभाल के लिए विभिन्न अधिकृत चाईल्ड केयर इंस्टीटयूशन को सौंप देने के बारे में बताया। बच्चे और अभिभावक के काउंसलिंग की प्रक्रिया के बारे में बताया ताकि उसका पुनर्वास हो सके।
चतुर्थ सत्र में प्रधान मजिस्ट्रेट (जेजे बोर्ड) अमित गुप्ता एवं बोर्ड के सदस्य उपस्थित हुए। उनके द्वारा जे.जे. एक्ट के प्रावधानों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। सीसीआई के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। साथ ही, नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं) योजना-2024 में दिये गये दिशा-निर्देशों का अनुपालन पर प्रकाश डाला। विशेष विधिक सेवा ईकाई के सदस्यों को उसके जिम्मेदारी से अवगत कराया।
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