डीजे संचालकों को उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने का निर्देश

झारखंड
Spread the love

विश्वजीत कुमार रंजन

वंशीधर नगर (गढ़वा)। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में सभी डीजे संचालकों के साथ नगर उंटारी थाना में बैठक की गई। इसमें सभी डीजे संचालकों को उच्‍च न्‍यायालय के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया। न्‍यायालय ने डीजे पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है।

इसके अनुपालन का निर्देश

रात 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक लाउडस्पीकर, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली, ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक आपातस्थिति को छोड़कर रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे के बीच ढोल या नगाड़ा नहीं बजाएगा। तुरही नहीं बजाएगा। कोई ध्वनि यंत्र या ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग नहीं करेगा।

किसी भी अस्पताल या नर्सिंग होम के 100 मीटर के दायरे के भीतर के क्षेत्र को, चाहे उनकी क्षमता कितनी भी हो, “शांति क्षेत्र” घोषित किया जाना चाहिए।

सार्वजनिक स्थान की सीमा पर शोर का स्तर, जहां लाउड स्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली या किसी अन्य प्रणाली या किसी अन्य शोर स्रोत का उपयोग किया जा रहा है, उस क्षेत्र के परिवेशीय शोर मानकों से 10 डीबी (ए) या 75 डीबी (ए) जो भी कम हो, से अधिक नहीं होगा।

निजी स्वामित्व वाली ध्वनि प्रणाली का परिधीय शोर स्तर निजी स्थान की सीमा पर, जिस क्षेत्र में इसका उपयोग किया जाता है, के लिए निर्दिष्ट परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक से 5 डीबी (ए) से अधिक नहीं होगा।

किसी भी उत्सव के दौरान, ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण एवं विनियमन नियम, 2000 के अंतर्गत समुचित प्राधिकारी प्रतिबंध की अवधि को अधिकतम रात 10 बजे से मध्य रात 12 बजे तक शिथिल कर सकता है। मध्य रात्रि 12 बजे के बाद कोई छूट नहीं दी जा सकती।

प्रत्येक जिले के उपायुक्तों को तत्काल उन अधिकारियों के मोबाइल नंबरों के साथ सूचित करना चाहिए, जिनके समक्ष ध्वनि प्रदूषण से पीड़ित कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इसी प्रकार, मोबाइल पीसीआर वैन के मोबाइल नंबर भी अधिसूचित और प्रकाशित किए जाने चाहिए, जिनके समक्ष कोई भी पीड़ित व्यक्ति ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ शिकायत कर सकता है।

कोई भी शिकायत प्राप्त होने पर प्राधिकरण ध्वनि विस्तारक यंत्रों, लाउड स्पीकरों, जन संबोधन प्रणालियों आदि को तत्काल जब्त करने सहित उचित कदम उठाएगा तथा उसके बाद कानून के अनुसार कार्यवाही करेगा।

किसी भी स्कूल, कॉलेज के 100 मीटर के दायरे के क्षेत्र को भी प्रतिवादियों द्वारा शांत क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए।

ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध नामित प्राधिकारियों से शिकायत करने वाले शिकायतकर्ताओं का विवरण ऐसी शिकायत प्राप्त करने वाले व्यक्तियों द्वारा प्रकट नहीं किया जाएगा। उनकी पहचान के संबंध में नाम गुप्त रखा जाएगा।

यहां सीधे पढ़ें खबरें

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। सुविधा के अनुसार अन्‍य खबरें पढ़ सकते हैं।

आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, x सहित अन्‍य सोशल मीडिया के साथ-साथ सीधे गूगल हिन्‍दी न्‍यूज पर भी जुड़ सकते हैं। यहां भी खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।

हमसे इस लिंक से जुड़े
https://chat.whatsapp.com/F5cUgceY6g88N3vxrwAvdX