श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर प्रभात फेरि‍यों की शुरुआत

झारखंड धर्म/अध्यात्म
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रांची। गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा 1 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 555वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्‍य में सुबह 5.30 बजे गुरुद्वारा साहिब से प्रभात फेरी की शुरुआत हुई। सुबह 5 बजते ही श्री कृष्णा नगर कॉलोनी की गलियां सतनाम श्री वाहेगुरु के जयकारे से गुंजायमान हो गई। प्रभात फेरी ने गुरुद्वारा साहिब के दर्शन दिउड़ी गेट से निकलकर जोगिंदर गाबा, सुंदरलाल मिढ़ा, द्वारका दास मुंजाल, चंदू गिरधर, जीतू काठपाल, ओम प्रकाश बरेजा, सुभाष मिढ़ा, लक्ष्मण अरोड़ा, पुरुषोत्तम थरेजा और भगत सिंह मिड्ढा की गलियों का भ्रमण किया।

फेरी में कीर्तन मंडली के इंदर मिढ़ा, रमेश पपनेजा, सुरजीत मुंजाल, नवीन मिढ़ा, आशु मिढ़ा, गीता कटारिया, शीतल मुंजाल, रेशमा गिरधर, इंदु पपनेजा, नीता मिढ़ा ने ‘तेरे भरोसे प्यारे मैं लाड लडाया …’ ‘भया अनंद जगत विच कल तारण गुर नानक आया…’ और ‘नानक कल विच आया रब फकीर इको पहचाना..” जैसे कई शबद गायन कर कॉलोनी की गलियों को नानकमय कर दिया।

सरदार भूपिंदर सिंह ने निशान साहिब उठाकर फेरी की अगुवाई की। मनीष मिढा ने श्रद्धालुओं के घरों के सामने सुख समृद्धि और कुशल क्षेम की अरदास की। श्रद्धालुओं ने रास्ते की साफ सफाई कर फेरी का श्रद्धा भाव से स्वागत किया। फेरी मे शामिल साध संगत पर पुष्प वर्षा की। प्रभात फेरी विभिन्न गलियों का भ्रमण करते हुए सुबह 8 बजे गुरुद्वारा साहिब के पार्किंग गेट पहुंचकर मनीष मिढ़ा द्वारा अरदास के साथ समाप्त हो गई। प्रभात फेरी के समापन पर गुरुद्वारा साहब में श्रद्धालुओं के लिए चाय नाश्ते का लंगर चलाया गया।

प्रभात फेरी में द्वारका दास मुंजाल, अशोक गेरा, हरगोबिंद सिंह, अनूप गिरधर, विनोद सुखीजा, जीवन मिढ़ा, मोहन काठपाल, महेंद्र अरोड़ा, राजेन्द्र मक्कड़, रमेश पपनेजा, इन्दर मिढ़ा, जितेश बेदी, दिनेश गाबा, कैलाश मिढ़ा, अमर मदान, नरेश मक्कड़, सुनील जसूजा, हरविंदर सिंह, प्रकाश गिरधर, पियूष मिढ़ा, राकेश घई, छोटू सिंह, मनीष मल्होत्रा, हरीश तेहरी, तुषार गिरधर, गर्व खीरबाट, पीयूष तलेजा समेत अन्य शामिल थे।

बंदी छोड़ दिवस के मौके पर 31 अक्टूबर को गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा साहिब में शाम सात बजे से विशेष दीवान सजाया गया। इसकी शुरुआत स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल के ‘सबना का मां प्यो आप है…’ शबद गायन से हुई। इसके बाद गुरु घर के सेवक मनीष मिढ़ा ने कथा वाचन करते हुए साध संगत को बताया कि इसी दिन मुगल सम्राट जहांगीर की कैद में ग्वालियर के किले में बंद सिख पंथ के छठे नानक श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी रिहा हुए थे। उन्होंने अपने साथ इसी किले में बंद 52 राजाओं को भी मुक्त कराया था। उन्हें लेकर पंजाब की धरती पर पहुंचे थे। इसीलिए दीपावली के दिन सिख समाज द्वारा बंदी छोड़ दिवस मनाया जाता है।

हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह ने ‘साहिब बंदी छोड़ है जीवन मुकत करै ओडिना सतगुर बंदी छोड़ है…’ शबद गायन कर साध संगत को गुरवाणी से जोड़ा। श्री अनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुकुम नामा एवं मिष्ठान प्रसाद वितरण के साथ विशेष दीवान की समाप्ति रात दस बजे हुई। इस विशेष दिवस पर सभी सिख श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा साहिब परिसर में श्रद्धा भाव से दीप जलाए। सत्संग सभा के सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने समूह साध संगत को दीपावली एवं बंदी छोड़ दिवस की बधाई दी।

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