रांची। केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने डब्ल्यूसीएल (मुख्यालय), नागपुर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीएमपीडीआई (मुख्यालय)-रांची में स्थापित अत्याधुनिक ‘नेशनल सेंटर फॉर कोल एंड इनर्जी रिसर्च’ (NaCCER-नासेर) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कोल इंडिया के अध्यक्ष पीएम प्रसाद, कोयला मंत्रालय की अपर सचिव सुश्री रूपिंदर बरार, सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मनोज कुमार, डब्ल्यूसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक जेपी त्रिवेदी, केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री के आप्त सचिव ईवी भास्कर, बी कार्तिकेयन एवं एवी रेड्डी, सीएमपीडीआई एवं डब्ल्यूसीएल निदेशक एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
मौके पर श्री रेड्डी ने कहा आज हमने ‘नेशनल सेंटर फॉर कोल एंड इनर्जी रिसर्च (NaCCER-नासेर)’ की स्थापना के साथ एक छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कदम के साथ कोयला और ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता की दिशा में अपनी यात्रा शुरू की है। NaCCER-नासेर को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग के सहयोग से भविष्य की ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए नवाचारों पर जोर देना चाहिए। नासेर केवल एक अनुसंधान केन्द्र नहीं होना चाहिए, यह हमारे देश की सतत् ऊर्जा भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता की आधारशिला होगी।
श्री रेड्डी ने कहा कि लक्ष्य नई तकनीकों को विकसित करने तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि उन्हें प्रयोगशाला से क्षेत्र तक लाना होगा-वास्तविक दुनिया पर प्रभाव डालना जो उद्योग के विकास और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों को संचालित करता है। क्षेत्रवार जोर क्षेत्र के अनुरूप केन्द्र से केवल उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं को शुरू करने की उम्मीद की जाती है, जिनमें व्यावसायीकरण की संभावना होगी। निधि का बड़ा हिस्सा ऐसी सभी परियोजना के लिए निर्धारित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, केन्द्र की क्षमता निर्माण की महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए भी वित पोषण किया जाएगा।
सनद रहे कि कोयला मंत्रालय ने अक्टूबर, 2023 में एक अत्याधुनिक अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया। सेंटर को कोयला मंत्रालय की ओर से कोल इंडिया द्वारा वित पोषित और प्रशासित किया जाना है। इसके बाद सेंटर का नाम ‘नेशनल सेंटर फॉर कोल एंड इनर्जी रिसर्च (NaCCER-नासेर)’ रखा गया। सेंटर की स्थापना का काम दो चरणों में की गई।
वर्तमान अनुसंधान एवं विकास प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए सीएमपीडीआई में मौजूदा सुविधाओं के तहत (NaCCER-नासेर) का चरण-1 सीएमपीडीआई (मुख्यालय)-रांची में स्थापित किया गया है। चरण-2 स्थायी सेंटर बाद के चरण में स्थापित किया जाएगा। यह एक विश्व स्तरीय अत्याधुनिक सुविधायुक्त होगी। अधिकांश अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया द्वारा शुरू की जाती हैं तो मुख्य रूप से नैसर्गिक प्रकृति की हैं, जो प्रयोगशाला पैमाने (टीआरएल 4) तक सीमित हैं। (NaCCER-नासेर) प्रयोगशाला स्तर से परे परियोजनाएं शुरू करेगा जो पायलट स्तर और वाणिज्यिक स्तर की होगी।
उल्लेखनीय है कि प्रमुख तकनीकी संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया चल रही है। आईआईटी-आईएसएम (धनबाद) के साथ पहले ही एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। NaCCER-नासेर के कामकाज के लिए मानक प्रक्रिया (एसओपी) को औपचारिक रूप दिया गया है। सलाहकार विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है जिसमें उद्योग, प्रमुख संगठन और संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
ज्ञात रहे कि NaCCER-नासेर का दृष्टिकोण देश की कोयला और ऊर्जा की मांग को पूरा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को एक नया आयाम देना है।
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