योजना से शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है : डीडीसी

झारखंड
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  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला

संजय यादव

देवघर। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला सह अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस समापन समारोह मंगलवार को विकास भवन के सभागार में हुआ। उप विकास आयुक्त नवीन कुमार ने इसकी अध्यक्षता की। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी-पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है।

श्री कुमार ने कहा कि योजना से महिलाओं के सशक्ति‍करण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय शामिल हैं। इस योजना के मुख्य घटकों में पीसीपीएनडीटी एक्ट को लागू करना, राष्ट्रव्यापी जागरुकता और प्रचार अभियान चलाना एवं विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्य करना है।

उप विकास आयुक्‍त ने कहा कि बुनियादी स्तर पर लोगों को प्रशिक्षण देकर, संवेदनशील और जागरूक बनाकर और सामुदायिक एकजुटता के माध्यम से उनकी सोच को बदलने पर जोर दिया जा रहा है। पीसीपीएनडीटी एक्ट गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम भारत में कन्या भूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने जानकारी दी कि भूण हत्या, जन्म पूर्व लिंग परीक्षण और अन्य किसी भी माध्यम से बेटियों की हत्या को अपराध के तहत दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं को कानूनी सजा एवं लाइसेंस रद्द करने और जेल भेजने का प्रावधान है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बेटियां की सुरक्षा, संरक्षण, शिक्षा स्वास्थ्य और बेहतरी के लिए हमें सामाजिक रुप से हम सभी लोगों को आगे आना होगा।

लिंगानुपात की सुधार और बेटियों को उसका पूरा अधिकार देना हम सबों की सामूहिक जिम्मेवारी है। इसके अलावे कार्यक्रम के दौरान मैट्रि‍क व इंटर में बेहतर प्रदर्शन करने वाली बच्चियों को 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी, सीडीपीओ के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित थे।

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