नई दिल्ली। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ अगले महीने रिटायर होने वाले हैं। इससे पहले उन्होंने एक ऐतिहासक फैसला लिया है।
फैसले के अनुसार कानून अब अंधा नहीं होगा। न्याय की देवी की नई मूर्ति की आंखों से पट्टी हटा दी गई है। आंखों से पट्टी हटाकर और हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब दी गई है।
मूर्ति में तराजू अभी भी न्याय का प्रतीक बना हुआ है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून अंधा नहीं है। पुरानी मूर्ति में दिखाया गया अंधा कानून और सजा का प्रतीक आज के समय के हिसाब से सही नहीं था। इसलिए ये बदलाव किए गए हैं।
सीजेआई चंद्रचूड़ का मानना था कि अब औपनिवेशिक विरासत से आगे बढ़ने का समय आ गया है। इससे पहले भी सीजेआई कई अवसरों पर इस तरह के फैसले लेते रहे हैं।
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