समेकित मत्स्य पालन से आएगी खुशहाली, दिया गया प्रमाण पत्र

बिहार देश
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पटना। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसधान परिसर में समेकित मत्स्य पालन विषय पर चल रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हो गया। इस प्रशिक्षण का आयोजन भागलपुर जिले के 30 मत्स्य पालकों के लिए किया गया था। इसमें किसानों को मत्स्य पालन से संबंधित आधुनिक तकनीकों की जानकारी मिली। उक्त प्रशिक्षण का आयोजन संस्थान की निदेशक डॉ अनूप दास के मार्गदर्शन में किया गया था|

समापन समारोह में वैज्ञानिक डॉ. विवेकानंद भारती ने किसानों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं का सारांश संस्थान के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया। किसानों ने बताया कि उन्हें इस प्रशिक्षण से बहुत ही लाभ मिला है|

सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार के अध्‍यक्ष डॉ. उज्ज्वल कुमार ने कहा इस कार्यक्रम के माध्यम से भागलपुर के किसानों को इस संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ जुड़ने का भी मौका मिला। भूमि एवं जल प्रबंधन के प्रभागाध्‍यक्ष डॉ आशुतोष उपाध्याय ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी किसानों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से किसानों को निश्चित ही बहुत लाभ मिलेगा।

प्रशिक्षण के आखिरी दिन वौज्ञानिक डॉ तारकेश्वर कुमार ने किसानों को मस्त्य पालन से संबंधित बिहार और केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं का जिक्र किया। वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी ने मुर्गी, बत्तख और बकरी के समेकित मत्स्य पालन में समायोजन के तरीकों का वर्णन किया।

इस प्रशिक्षण में बटेर पालन को भी शामिल किया था, जिसके लिए सासाराम के तिलौथु प्रखंड से प्रगतिशील किसान कुमार प्रेमचंद को बुलाया गया था। उन्होंने बटेर पालन करने के तरीके, उसके अंडे उत्पादन और बिक्री के तरीकों में अपना अनुभव भागलपुर के किसानों के साथ साझा किया।

इस प्रशिक्षण को सफल बनाने में प्रभागाध्यक्ष (पशुधन एवं मास्त्यिकी प्रबंधन) डॉ. कमल शर्मा, वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्र कुमार अहिरवाल एवं अन्य कर्मियों का योगदान रहा।

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