BAU : केवीके के संविदा कर्मी 19 सितंबर से आमरण अनशन पर

झारखंड
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रांची। बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय (BAU) के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में कार्यरत संविदाकर्मी 19 सितंबर से आमरण अनशन करेंगे। इसकी जानकारी कुलपति को दी है। उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय प्रशासन पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।

संविदा कर्मियों ने बताया कि 20 जून, 2024 को कुलपति से नियमितिकरण संबंधी वार्ता हुई थी। उन्होंने कहा था कि आईसीएआर, नई दिल्‍ली एवं अटारी, पटना को समायोजन के लिए पत्र भेजेंगे। लिखित आदेश प्राप्त हो जाने पर समायोजन किया जाएगा। एक सप्ताह या पंद्रह दिनों में मानदेय बढ़ा दिया जाएगा। हालांकि दो माह से अधिक बीत जाने पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने मानदेय बढ़ाने का कोई आदेश नहीं निकाला।

कर्मियों के मुताबिक नियमितिकरण को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। वे पिछले 20 वर्षों से झारखंड के विभिन्न जिलो के केवीके में पद के विरूद्ध कार्यरत हैं। पद के विरुद्ध कार्यरत रहने के बाद भी अनुसेवक को 7 हजार, ड्राईवर एवं आशुलिपिक सह टंकन को 9 हजार रुपये और कार्यालय अधीक्षक सह लेखापाल को 11 हजार रुपये प्रति माह दिया जा रहा है।

संविदा कर्मि‍यों के अनुसार सितंबर, 2021 को झारखंड उच्च न्यायालय ने उनके नियमितिकरण का आदेश दिया। इसके आलोक में विश्वविद्यालय प्रशासन ने सिर्फ एक संविदाकर्मी गिरिडीह केवीके में कार्यरत शुभांकर कुमार को आशुलिपिक सह टंकन के पद पर नियमित किया। चतरा केवीके में कार्यरत संविदाकर्मी रजित गंझू की मौत हो चुकी है। दुनका केवीके में कार्यरत योगेन्द्र कुमार और सुशील कुमार रमानी को बिना कारण बताये हटा दिया गया है।

झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश हुए 3 साल बीत चुके हैं, पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नियमितिकरण नहीं किया गया। विश्‍वविद्यालय प्रशासन की उपेक्षा वो वाध्य होकर सविदाकर्मी 19 सितंबर, 2024 से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर विश्वविद्यालय मुख्य गेट के पास बैठेंगे।

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