धान-परती भूमि के प्रबंधन के बारे में कृषकों को वैज्ञानिकों ने दी जानकारी

बिहार कृषि देश
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पटना। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार के तत्वावधान में धान-परती भूमि प्रबंधन परियोजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत 22 अगस्त, 2024 को गया जिले के टेकरी प्रखंड के गुलेरियाचक ग्राम में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मणिभूषण, वैज्ञानिक डॉ. अकरम अहमद, डॉ. राकेश कुमार एवं कृषि विज्ञान केंद्र, किशनगंज के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ. देवेन्द्र मंडल ने 50 एकड़ भूमि पर धान की सीधी बुआई और 25 एकड़ में अरहर की प्रजाति का प्रत्यक्षण कार्यक्रम एवं कृषक-वैज्ञानिक वार्ता का आयोजन किया।

डॉ. मणिभूषण ने किसानों को कंप्यूटर का उपयोग करके धान की परती भूमि प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी, ताकि उत्पादन और आमदनी बढ़ सके। उन्होंने किसानों को भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मैपिंग के बारे में भी बताया। डॉ. अकरम अहमद ने धान की सीधी बुआई में कुशल जल प्रबंधन के बारे में बताया।

डॉ. राकेश कुमार ने पशुओं में होने वाली बीमारियों, इसके निदान और टीकाकरण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बिहार सरकार द्वारा पशुपालन के लिए दिए जाने वाली सरकारी अनुदान के बारे में भी बताया। गया केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. देवेन्द्र मंडल ने किसानों को खरपतवार नियंत्रण के बारे में जानकारी दी।

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