नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बुधवार को दर्द छलक उठा। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बयान सामने आया है।
उन्होंने कहा है कि वो इस घटना से बेहद आहत और निराश हैं। उन्होंने कहा है कि आइए हम शुरुआत में ही इस पर रोक लगाने के लिए इस विकृति से व्यापक तरीके से निपटें।
उन्होंने कहा कि इतिहास का सामना करने से डरने वाले समाज सामूहिक स्मृतिलोप का सहारा लेते हैं। अब भारत के लिए इतिहास का सामना करने का समय आ गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बेटियों के खिलाफ ऐसे अपराध किसी भी सूरत में मंजूर नहीं हैं। बताते चलें कि, पहली बार राष्ट्रपति ने इस घटना पर अपना बयान दिया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना की पुरजोर निंदा की है। उन्होंने कहा की समाज में बहन और बेटियों के साथ इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस घटना पर जब कोलकाता में छात्र, डॉक्टर और नागरिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उस समय भी अपराधी कहीं और शिकार की तलाश में घात लगाए हुए हैं। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म पर उन्होंने अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि वह स्तब्ध और व्यथित हैं।
एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि निर्भया मामले के बाद 12 सालों में देश में दुष्कर्म की अनगिनत घटनाओं को समाज भूल चुका है। उन्होंने कहा कि यह सामूहिक रूप से भूलने की बीमारी ठीक नहीं है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अकसर विकृत मानसिकता महिला को कमतर इंसान, कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान के रूप में देखती है। समाज को ईमानदार, पूर्वाग्रहरहित आत्मावलोकन की जरूरत है।
खुद से कुछ कड़े सवाल पूछने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की अनुमति नहीं दे सकता।