पटना। बिहार में एनडीए से अलग होकर नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के साथ नई सरकार बनायी। हाल ही में बनी महागठबंधन सरकार में तकरार देखने को मिल रही है।
राज्य में सीबीआई जांच पर रोक लगाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नेता आमने-सामने हो गए हैं। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने राज्य में बिना अनुमति के सीबीआई जांच पर रोक लगाने की मांग की।
खबर आई कि इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार की बैठक भी हुई। हालांकि, जेडीयू ने शिवानंद तिवारी के बयान को खारिज कर दिया। जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस बारे में कोई बैठक ही नहीं हुई।
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार सीबीआई का इस्तेमाल विरोधियों के खिलाफ कर रही है, उसे देखते हुए महागठबंधन सरकार को एजेंसी को जांच की मंजूरी वापस ले लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा नीतीश सरकार को अदालत का रुख भी करना चाहिए। एनडीए सरकार के कार्यकाल में सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है।
जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि शिवानंद तिवारी के पास गलत जानकारी है। इस बारे में महागठबंधन सरकार की कोई बैठक नहीं हुई है।
शिवानंद महागठबंधन के बड़े नेता हैं, लेकिन लग रहा है कि उन्हें गलत जानकारी मिली है। इसलिए उन्होंने ऐसा बयान दिया। बिना अनुमति के सीबीआई जांच पर रोक लगाने को लेकर कोई चर्चा ही नहीं हुई।
कुशवाहा ने कहा कि इस तरह का फैसला किसी भी राज्य में नहीं होना चाहिए। इसमें सीबीआई जैसी संस्थाओं की कोई गलती नहीं है। बीजेपी सरकार गलत नीयत से एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।